नई दिल्ली:– पश्चिम दिशा
वास्तु के मुताबिक सही दिशा में बैठने से तरक्की और कामयाबी की राह खुद-ब-खुद बनती जाती है। अगर कंपनी का मालिक या बड़ा पद संभालने वाला व्यक्ति वेस्ट दिशा में बैठता है तो उसकी सफलता लगभग तय मानी जाती है।
नेतृत्व की भूमिका
पश्चिम दिशा में बैठने से निर्णय लेने की शक्ति बढ़ती है और इंसान बड़े स्तर पर सोच पाता है। ऐसे लोग इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाते हैं और नेतृत्व की भूमिका निभाते हैं।
दो अन्य दिशाएं
पश्चिम के अलावा ऑफिस में बैठने के लिए दो और अन्य दिशाएं सबसे बेहतर मानी जाती हैं- साउथ और नॉर्थ।
साउथ दिशा बैठने के लिए परफेक्ट
वास्तु के मुताबिक जो लोग अपना ब्रांड खड़ा करना चाहते हैं, उनके लिए साउथ दिशा उत्तम है। यहां बैठने से इंसान में स्टेबिलिटी आती है और वह लंबे समय तक टिकने वाला बिज़नेस खड़ा कर पाता है।
नॉर्थ दिशा
अगर आपका लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा माल बेचना है, तो नॉर्थ दिशा में बैठना आपके लिए सबसे सही है। यह दिशा बिक्री बढ़ाने और नेटवर्क फैलाने में मदद करती है।
इन दिशाओं से बनाएं दूरी
कुछ दिशाएं ऐसी भी हैं जिनसे दूरी बनाना ही सही होता है। पहली दिशा है साउथ-वेस्ट। मान्यता है कि यहां बैठने से बिज़नेस में प्रगति की बजाय रुकावटें बढ़ती हैं।
नॉर्थ-ईस्ट
दूसरी दिशा है नॉर्थ-ईस्ट। मान्यता है कि इस जगह पर बैठने से इंसान काम में सीरियस नहीं रह पाता। उसका ज्यादा समय सिर्फ नुकसान होता है।
