नई दिल्ली:– आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अमेरिका से खरीदी जाने वाली कपास पर सरकार द्वारा आयात शुल्क हटाए जाने पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, 19 अगस्त से केंद्र की मोदी सरकार ने 11% (आयात) शुल्क हटा दिया है। अब, अमेरिका से आयात किया जाने वाला कपास भारतीय किसानों द्वारा उत्पादित कपास से 15 से 20 रुपये प्रति किलोग्राम सस्ता हो जाएगा। नतीजा ये होगा कि हमारे देश के किसानों की कपास नहीं बिक पाएगी।
जानिए कब तक के लिए हटाई गई आयात ड्यूटी
केजरीवाल ने कहा, जब हमारे देश के किसान अक्तूबर- नवंबर में मंडी में कपास लेकर जाएंगे, तो उन्हें पता चलेगा कि उनकी कपास खरीदने वाला कोई नहीं है। जितनी भी टैक्सटाइल कंपनियां हैं, उन्होंने अमेरिका से बहुत बड़ी मात्रा में कपास मंगानी शुरू कर दी है। केंद्र सरकार ने पहले ये ड्यूटी 40 दिन के लिए लगाई थी, 19 अगस्त से 30 सितंबर तक। लेकिन, अब ये ड्यूटी 31 दिसंबर तक के लिए हटा दी गई है।
आत्महत्या के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा
अब हमारे देश के किसानों का कपास बिकने का कोई चारा नहीं बचा है। क्योंकि, अमेरिका के किसानों की कपास ज्यादा सस्ती पड़ेगी। हमारे देश के किसान अपना कर्ज़ कहाँ से चुकाएंगे? भगवान न करे, उसके पास आत्महत्या करने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा।
11 साल बाद भी किसानों को फायदा नहीं होगा
2013 में, गुजरात के कपास किसानों को उनके कपास के लिए लगभग 1500 – 1700 रुपये प्रति क्विंटल मिलते थे। उस वक्त 2014 के चुनावों से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि यह बहुत कम है। इसे 2500 रुपये होना चाहिए। आज ढाई हजार रुपये होना तो दूर, उन दिनों 11 साल पहले जो 1500-1700 रुपये मिलते थे। आज मार्केट में एक किसान को 1200 रुपये मिलते हैं।
भारत के किसानों को कंगाल किया जा रहा
आज उन्हें कम रुपये मिल रहे हैं। जबकि हर चीज के दाम बढ़ गए हैं। बीज के दाम बढ़ गए। खाद के दाम बढ़ गए। सब चीजों के दाम बढ़ गए। जब अमेरिका की कपास आ जाएगी, तो उसे 900 रुपये से भी कम दाम मिलेंगे। यूएस के किसानों को मालामाल किया जा रहा है और भारत के किसानों को कंगाल किया जा रहा है।