नई दिल्ली:– सहारा इंडिया कंपनी में करोड़ों निवेशकों का पैसा फंसा हुआ है। यह एक ऐसी समस्या है जो वर्षों से चली आ रही है और जिसके कारण लाखों परिवार आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद निवेशकों को उनका पैसा वापस करने के लिए एक विशेष पोर्टल की शुरुआत की गई है। इस पोर्टल के माध्यम से निवेशक अपनी राशि वापस पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। अब तक कई निवेशकों को उनका पैसा मिलना शुरू हो गया है, लेकिन अभी भी बहुत से लोग इस प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी नहीं रखते।
भारत सरकार ने २९ मार्च २०२३ को सहारा निवेशकों के लिए एक विशेष रिफंड पोर्टल का शुभारंभ किया था। इस पोर्टल पर पंजीकरण कराने वाले निवेशकों को उनकी राशि वापस मिल रही है। शुरुआत में निवेशकों को केवल दस हजार रुपये तक की राशि मिलती थी, लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपये तक कर दी गई है। सरकार समय-समय पर इस राशि की सीमा को और भी बढ़ा सकती है। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए सभी निवेशकों को पहले पोर्टल पर पंजीकरण कराना और फिर अपना दावा प्रस्तुत करना आवश्यक है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश और सरकारी कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों की राशि वापसी के लिए सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए हैं। न्यायालय ने निर्धारित किया है कि ३१ दिसंबर २०२५ तक सभी पात्र निवेशकों को उनकी राशि लौटाई जानी चाहिए। सरकार ने बताया है कि सहारा इंडिया की सहकारी समितियों के बारह लाख से अधिक निवेशकों को उनकी राशि प्रदान की जा चुकी है। इसके लिए सरकार ने ३१४.२० करोड़ रुपये जारी किए हैं। यह राशि २८ फरवरी २०२५ तक वितरित की जा चुकी है। आने वाले महीनों में और भी निवेशकों को उनकी राशि मिलने की उम्मीद है।
सरकार ने अब तक केवल उन्हीं निवेशकों को राशि प्रदान की है जिनकी सत्यापन प्रक्रिया पूरी तरह से संपन्न हो गई है। सत्यापन में दस्तावेजों की जांच और पंजीकरण फॉर्म में दी गई जानकारी की सत्यता की पुष्टि शामिल है। यदि किसी निवेशक का फॉर्म किसी कारण से अस्वीकार हो जाता है, तो वे पोर्टल पर उपलब्ध सुधार विकल्प का उपयोग करके अपना फॉर्म दोबारा जमा कर सकते हैं। इस प्रक्रिया के बाद अगली बार सत्यापन पूरा होने पर उनके बैंक खाते में पैसा भेज दिया जाएगा।
आवश्यक दस्तावेज और योग्यता
रिफंड के लिए आवेदन करते समय निवेशकों को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज प्रस्तुत करने होते हैं। इनमें आधार कार्ड, बैंक खाता पासबुक, राशि जमा करने का प्रमाण शामिल हैं। यदि निवेश की राशि पचास हजार रुपये से अधिक है तो पैन कार्ड भी आवश्यक है। इसके अलावा वैध मोबाइल नंबर होना भी जरूरी है क्योंकि सभी संचार और सत्यापन प्रक्रिया मोबाइल नंबर के माध्यम से ही होती है। सभी दस्तावेज स्पष्ट और पढ़ने योग्य होने चाहिए।
सहारा रिफंड पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होता है। वहां पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू करके आधार कार्ड की संख्या और मोबाइल नंबर दर्ज करना होता है। इसके बाद कैप्चा कोड भरकर ओटीपी का विकल्प चुनना होता है। मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी डालने के बाद व्यक्तिगत जानकारी भरनी होती है। फिर उपयुक्त सहकारी समिति का चयन करके सभी आवश्यक जानकारी दर्ज करनी होती है। अंत में सभी दस्तावेज अपलोड करके फॉर्म जमा करना होता है।
वित्तीय व्यवस्था और भविष्य की योजना
सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार को निवेशकों की राशि प्रदान करने के लिए पांच हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था करने को कहा था। इस राशि का एक बड़ा हिस्सा पहले ही निवेशकों को वितरित किया जा चुका है। शेष राशि से और भी निवेशकों को उनका पैसा दिया जाएगा। चूंकि सहारा में बहुत बड़ी मात्रा में निवेश फंसा हुआ है, सरकार को अतिरिक्त व्यवस्था करनी पड़ सकती है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी पात्र निवेशकों को उनकी राशि अवश्य मिलेगी।
निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे फॉर्म भरते समय किसी भी प्रकार की गलती न करें क्योंकि छोटी से छोटी त्रुटि भी आपकी राशि वापसी में देरी का कारण बन सकती है। सभी जानकारी सावधानीपूर्वक और सही तरीके से भरें। दस्तावेजों की स्पष्ट प्रतियां अपलोड करें। यदि कोई समस्या आती है तो धैर्य रखें और आवश्यक सुधार करके दोबारा आवेदन करें। नकली वेबसाइटों से बचें और केवल आधिकारिक पोर्टल का ही उपयोग करें।