छत्तीसगढ़:– मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज रविवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय बगिया में पर्यटन एवं कृषि क्रांति का शुभारंभ किया। जशपुर पर्यटन एवं कृषि क्रांति इको टूरिज्म और होमस्टे से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम जशपुर के स्व सहायता समूह और किसानों को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
इस अवसर पर झारखंड सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, सरगुजा आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष और पत्थलगांव विधायक मती गोमती साय, जशपुर विधायक मती रायमुनि भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, कलेक्टर रोहित व्यास, एस एस पी शशि मोहन सिंह, जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार, सुनील गुप्ता, मुकेश शर्मा सहित जनप्रतिनिधिगण और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रविवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय जशपुर में आयोजित कार्यकम को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विकास के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान पर सबका साथ सबका विकास को चरितार्थ किया जा रहा हैं। मुख्यमंत्री ने जशपुर जिले में पर्यटन के क्षेत्र में कार्य करने वाले स्व सहायता समूह और युवाओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नए दायित्वों और जिम्मेदारियों की वजह से अब ज्यादातर समय मुझे जशपुर से बाहर रहना पड़ता है, लेकिन जशपुर निरंतर आता रहूंगा और विकास के क्षेत्र में बेहतर कार्य करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद जशपुर जम्बूरी के जरिए जशपुर को पर्यटन के नक्शे पर नयी पहचान दिलाने की पहल की गई है। वर्ष 2024 में हुए जशपुर जम्बूरी में हमारे पड़ोसी राज्यों से भी बड़ी संख्या में लोग हिस्सा लेने और उस अवसर का गवाह बनने पहुंचे।
जशपुर जम्बूरी में न सिर्फ ईको-टूरिज्म और एडवेंचर स्पोर्ट के लिए लोगों ने नया महौल दिया, बल्कि जनजातीय परम्पराओं से भी रूबरू कराया गया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सांस्कृतिक प्रदर्शन, स्थानीय व्यंजनों का मेला और जनजातीय नृत्यों ने पर्यटकों को आकर्षित किया, जिससे स्थानीय कारीगरों और गाइड्स को रोजगार मिला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार फिर जशपुर जम्बूरी के नए सीजन का आयोजन होने जा रहा है। जिसमें आगामी 6 से 9 नवम्बर तक देश, दुनिया के लोग यहां पहुंचकर रोमांच, कला और सामुदायिक अनुभवों से परिचित हो पाएंगे। जशपुर की मिट्टी की खुशबू को जीवंत करने के लिए कर्मा, सरहुल जैसे जनजातीय नृत्य के साथ गोदना कला, काष्ट शिल्प और लौह शिल्प जैसे हस्तशिल्प की प्रदर्शनी और लोकनाट्य पर आधारित सांस्कृतिक संध्या आयोजित की जाएगी।
इससे न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण और प्रसार होगा, बल्कि स्थानीय कला और हस्तशिल्प को वैश्विक पहचान भी मिलेगी। जशपुर जम्बूरी एक ऐसा उत्सव है जो प्रकृति, संस्कृति और विकास को एक सूत्र में पिरोता है। यह आयोजन जशपुर की प्राकृतिक सुंदरता, जनजातीय विरासत और आधुनिक विकास को एक साथ पेश करता है। जशपुर जंबूरी केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि आर्थिक सशक्तीकरण का माध्यम भी है।
उन्होंने कहा कि स्वदेश दर्शन योजना के तहत मयाली नेचर कैंप में बोटिंग, कैक्टस गार्डन और टेंट सुविधाएं जोड़ी गई हैं। यहां के पर्यटक स्थल अब बेहतर सुविधाओं से सजे हैं, मयाली में सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ को गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है जो जशपुर को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम टूरिज्म सेक्टर को एक उद्योग के रूप में देख रहे हैं, जिससे स्थानीय उद्यमशीलता बढ़ेगी। राज्य में होम-स्टे नीति लागू की है ताकि पर्यटक जनजातीय संस्कृति को जानना-समझना चाहते हैं। उनके भीतर आदिवासी संस्कृति, परम्पराओं, उनके खान-पान, रहन-सहन को लेकर एक जिज्ञासा और उत्सुकता रहती है।
दूसरी जम्बूरी 6 से 9 नवम्बर तक, पहली 2024 में हुई
जशपुर जम्बूरी जशपुर की वादियों और झरनों के बीच हर साल एक ऐसा उत्सव मनाया जाता है, जो केवल एक कार्यक्रम नहीं बल्कि इस जिले की आत्मा का अनुभव है। जशपुर जम्बूरी ने 2024 में अपनी शानदार शुरुआत की और अब 2025 में एक और भव्य रूप में लौट रहा है।
2024 में आयोजित पहली जशपुर जम्बूरी ने रोमांच, संस्कृति और समुदाय का ऐसा संगम पेश किया, जिसने देशभर से प्रतिभागियों को आकर्षित किया। झारखंड, ओडिशा, रायपुर और छत्तीसगढ़ के कई जिलों से आए लोगों ने इस उत्सव में हिस्सा लिया। प्रतिभागियों ने रानी दाह, टी-गार्डन और जशपुर संग्रहालय जैसे स्थलों की सैर कर इतिहास और संस्कृति को करीब से महसूस किया।
फूड लैब ने स्थानीय व्यंजनों को आधुनिक रूप में प्रस्तुत कर सबका दिल जीता। सरहुल और कर्मा नृत्य की प्रस्तुतियों ने जनजातीय परंपराओं की गहराई दिखाई। चार दिन रोमांचक गतिविधियों, सांस्कृतिक रंग और सामुदायिक मेलजोल के नाम रहे। इस आयोजन ने जशपुर को ईको-टूरिज़्म और एडवेंचर स्पोर्ट्स का नया गंतव्य बना दिया।
दूसरी जशपुर जम्बूरी 2025 नये अनुभवों की ओर अब यह उत्सव और बड़े स्वरूप में वापस आ रहा है। 6 नवम्बर से 9 नवम्बर 2025 तक आयोजित होने वाला जशपुर जम्बूरी 2025 रोमांच, कला और सामुदायिक अनुभवों को और भी समृद्ध करेगा। रोमांचक-रॉक क्लाइम्बिंग, रैपलिंग, ज़िपलाइन, ट्रेकिंग, मयाली डैम पर वॉटर स्पोर्ट्स, पैरामोटर और हॉट एयर बलून से माधेश्वर पहाड़ों के दृश्य देखे जा सकेंगे।