रायपुर:– देशभर में आस्था और श्रद्धा का सबसे बड़ा पर्व शारदीय नवरात्रि इस बार 22 सितंबर से शुरू होकर 30 सितंबर तक मनाया जाएगा. यह नौ दिन और रातों का उत्सव स्त्रीशक्ति, भक्ति और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक माना जाता है. नवरात्रि में माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की विशेष पूजा-अर्चना होती है और हर दिन का महत्व अलग-अलग होता है. नवरात्रि का अर्थ है ‘नौ रातें’ और इन्हीं रातों में भक्त माता के शक्ति रूप की आराधना करते हैं.
पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा होती है, जो पर्वतराज हिमालय की पुत्री और स्थिरता-साहस का प्रतीक मानी जाती हैं.
दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी की पूजा तप और संयम का संदेश देती है.
तीसरे दिन चंद्रघंटा माता से साहस और शांति की शक्ति प्राप्त होती है.
चौथे दिन कूष्माण्डा देवी की अर्चना संपूर्ण सृष्टि के आदि स्वरूप की पूजा है.
पाँचवें दिन स्कंदमाता करुणा और मातृत्व का वरदान देती हैं.
छठे दिन कात्यायनी आराधना से सभी बाधाओं का नाश होता है और विजय प्राप्त होती है.
सातवें दिन कालरात्रि की पूजा होती है, जो भय को दूर कर निर्भीकता प्रदान करती हैं.
आठवें दिन महागौरी से भक्तों को शुद्धता और धैर्य की शक्ति मिलती है.
नौवें दिन सिद्धिदात्री की कृपा से आध्यात्मिक और सांसारिक सफलताएं प्राप्त होती हैं.