मध्यप्रदेश:– आजकल AI की मदद से अपनी फोटो – वीडियो को अलग-अलग आर्ट स्टाइल में बदलने का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है। इनमें से एक लोकप्रिय स्टाइल है Google Gemini, जो इन दिनों सोशल मीडिया पर छाई हुई है। क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप अपनी फोटोज किसी AI टूल पर अपलोड करते हैं, तो इससे आपकी प्राइवेसी को खतरा हो सकता है। आइए इस बारे में विस्तार से समझते हैं।
AI-पावर्ड इमेज जनरेशन और फिल्टरिंग टूल्स मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग एल्गोरिदम का यूज करते हैं। ये टूल आपकी फोटो को प्रोसेस करके उसमें दिए गए आर्ट स्टाइल के हिसाब से बदलाव करते हैं। यह प्रक्रिया कुछ सेकंड्स से लेकर कुछ मिनटों तक का वक्त ले सकती है।
जब आप अपनी फोटो किसी AI आधारित वेबसाइट या ऐप पर अपलोड करते हैं, तो आपकी पर्सनल जानकारी के साथ कुछ संभावित खतरे हो सकते हैं। इनकी लिस्ट हम नीचे शेयर कर रहे हैं।
- डाटा स्टोरेज और यूजेस
कुछ AI टूल्स आपकी अपलोड की गई इमेज को अपने सर्वर पर सेव कर लेते हैं। कई बार, इन फोटोज का इस्तेमाल AI को और बेहतर बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन अगर प्लेटफॉर्म की सिक्योरिटी मजबूत नहीं है, तो आपकी फोटोज लीक भी हो सकती हैं। - फेस रिकग्निशन और बायोमेट्रिक्स डाटा चोरी का रिस्क
AI टूल्स आपकी फोटोज से फेस डाटा इकट्ठा कर सकते हैं, जो बायोमेट्रिक पहचान का हिस्सा बन सकता है। यह डाटा किसी अन्य काम के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे ऐड, सर्विलांस या यहां तक कि पहचान की चोरी भी इसके जरिए हो सकती है। - थर्ड-पार्टी डाटा शेयरिंग
कई फ्री AI टूल्स अपने टर्म्स और कंडीशन्स में यह लिखते हैं कि वे यूजर्स डाटा को थर्ड-पार्टी कंपनियों के साथ शेयर कर सकते हैं। इसका मतलब है कि आपकी फोटोज किसी और मकसद के लिए भी यूज हो सकती हैं, जिनमें मार्केटिंग और AI ट्रेनिंग सब शामिल हैं। - अनजान कंपनियों का डाटा एक्सेस
कई बार, लोग किसी नई AI साइट या ऐप पर बिना जांचे-परखे अपनी फोटोज अपलोड कर देते हैं। अगर वह प्लेटफॉर्म भरोसेमंद नहीं है, तो आपकी तस्वीरें गलत हाथों में जा सकती हैं और उनका गलत इस्तेमाल हो सकता है।