मध्यप्रदेश:– रात में आइसक्रीम खाने से मन तो खुश हो सकता है, लेकिन इसका असर नींद की गुणवत्ता, पाचन तंत्र और हार्मोनल बैलेंस पर पड़ सकता है. इसलिए इसे आदत न बनाएं, खासकर अगर आप नींद की समस्या से जूझ रहे हैं. जो मीठा खाने के शौकीन हैं और रात में आइसक्रीम खाने की आदत रखते हैं, चलिए विस्तार से समझते हैं कि रात में आइसक्रीम खाना आपकी नींद को कैसे प्रभावित कर सकता है.
हाई शुगर और हाई फैट कंटेंट – नींद में बाधा
आइसक्रीम में चीनी और सैचुरेटेड फैट की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है. जब आप सोने से ठीक पहले इसे खाते हैं, तो शरीर को इसे पचाने के लिए ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है. यह शरीर को एक्टिव मोड में डाल देता है, जिससे दिमाग को रिलैक्स करने में दिक्कत होती है. इससे मेलाटोनिन नींद के लिए जरूरी हार्मोन का उत्पादन प्रभावित हो सकता है.
ब्लड शुगर स्पाइक्स – बार-बार नींद खुलना
रात को आइसक्रीम खाने से ब्लड शुगर अचानक बढ़ता है और कुछ घंटों बाद गिरता है. इस उतार-चढ़ाव का असर आपके स्लीप साइकल पर पड़ता है. इससे रात में बार-बार नींद टूटने की संभावना बढ़ जाती है. कुछ लोगों को इससे अनचाहा जागना या बेचैनी महसूस हो सकती है.
डाइजेशन स्लो होने से गैस, अपच और असहजता
सोते समय हमारी पाचन शक्ति कमजोर होती है. ऐसे में भारी, शुगर-लोडेड और डेयरी-आधारित चीजें जैसे आइसक्रीम पचने में मुश्किल होती हैं. इससे गैस, अपच या पेट भारीपन महसूस हो सकता है. यह भी नींद की गुणवत्ता को बुरी तरह प्रभावित करता है.
अत्यधिक चीनी से बढ़ सकती है दिमाग की एक्टिविटी
कुछ शोधों के अनुसार ज्यादा शुगर लेने से दिमाग की न्यूरल एक्टिविटी बढ़ जाती है. इससे जीवंत सपने ड्रीम या नींद में बेचैनी बढ़ सकती है. गहरी नींद की मात्रा घट सकती है.
क्या करें?
बेहतर विकल्प
अगर मीठा खाने का मन हो तो सोने से 2 घंटे पहले खाएं.
आइसक्रीम की जगह गर्मी में दही, फ्रोजन योगर्ट, या फल बेहतर विकल्प हो सकते हैं.
रात में हल्का और जल्दी पचने वाला खाना खाएं, ताकि नींद बेहतर आए.