नई दिल्ली:– सुप्रीम कोर्ट में शिक्षकों के लिए टीईटी परीक्षा अनिवार्य करने का आदेश दिया है इसके बाद लाखों शिक्षक असमंजस में हैं दरअसल कोर्ट ने कहा है कि शिक्षक बने रहने के लिए और साथ ही प्रमोशन के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करना अनिवार्य है ऐसे में जिन शिक्षकों की नियुक्ति बिना टीईटी के हुई है उनका भविष्य अधर में लटक गया है अब इन सभी शिक्षकों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने राहत देने के लिए विकल्प तलाशना शुरू कर दिया है सरकार के इस कदम से शिक्षकों को राहत मिलने की उम्मीद जग गई है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए हालिया फैसले से पूरे देश के 10 लाख से अधिक शिक्षकों पर असर देखने को मिलेगा अगर टीईटी पास नहीं किया है तो सेवा में बने रहने या फिर प्रमोशन लेना आसान नहीं होगा इस वजह से उत्तर प्रदेश के करीब 2 लाख से अधिक बिना टीईटी पास शिक्षक चिंता में हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर शिक्षकों को राहत देने के लिए विभाग ने नया प्रस्ताव बना लिया है।
शिक्षा विभाग ने इस मुद्दे पर प्रस्ताव तैयार कर लिया है और जल्दी शासन स्तर पर बैठक होने जा रही है विभागीय अधिकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका भी दाखिल की जाएगी इसके साथ साथ अन्य कई विकल्पों पर विचार किया जा रहा है जिससे शिक्षकों को राहत मिल सके और उन्हें अपनी पूरी सेवा तक नौकरी करने का मौका मिल सके।
बता दें उत्तर प्रदेश में 29 जुलाई 2011 से पहले नियुक्त हुए शिक्षकों को शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत छूट दी गई थी लेकिन बाद में इन शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यताएं अनिवार्य कर दी गई हैं यही शिक्षक चाहते हैं कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में उनकी तरफ से पुनर्विचार याचिका दाखिल करे अगर जरूरत पड़े तो नियमों या अधिनियम में संशोधन किया जाए जिससे इन सभी शिक्षकों को राहत मिल सके।
2 लाख से अधिक शिक्षक प्रभावित
जहां देश भर में 10 लाख से अधिक शिक्षक इस आदेश से प्रभावित हो रहे हैं वहीं अकेले उत्तर प्रदेश में लगभग 2 लाख ऐसे शिक्षक हैं जो टीईटी पास नहीं हैं ऐसे में सरकार इन शिक्षकों के लिए गंभीरता से विचार कर रही है और जल्द ही कोई ठोस रास्ता निकाल सकती है अगर सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कोई ठोस रास्ता नहीं निकाल पाती है तो ऐसे में 2 लाख से अधिक शिक्षकों को 2 साल के अंदर शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करनी होगी ऐसे सभी शिक्षक जो टीईटी पास नहीं कर सकेंगे उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ सकती है या फिर सरकार द्वारा नियमों के अनुसार उनका सेवा संबंधी निर्णय लिया जा सकता है ऐसी स्थिति में शिक्षकों की चिंताएं काफी बढ़ गई हैं।
पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की मांग
इस फैसले के बाद अलग अलग शिक्षक संगठन लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं कुछ प्रतिनिधि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिल चुके हैं सरकार शिक्षकों को राहत देने पर विचार कर रही है और शिक्षा विभाग सक्रिय हो गया है शासन स्तर पर जल्दी बैठक होने वाली है इसमें सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने या अन्य विकल्पों पर फैसला लिया जाएगा ऐसे में जल्द ही शिक्षकों को राहत मिलने की संभावनाएं जगी हैं।