नई दिल्ली:– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी ने बुधवार को बिहार में 6,014 करोड़ रुपये की लागत वाले दो बड़े बुनियादी ढांचा प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी. कैबिनेट ने Bakhtiyarpur–Rajgir–Tilaiya रेलवे लाइन के दोहरीकरण को 2,192 करोड़ रुपये की लागत से मंजूरी दी. यह प्रोजेक्ट बिहार के चार जिलों में फैला है और भारतीय रेलवे नेटवर्क को 104 किमी तक विस्तार देगा. यह राजगीर (शांति स्तूप), नालंदा और पावापुरी जैसे तीर्थ और पर्यटन स्थलों तक कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा.
1,434 गांवों और 13.46 लाख लोगों को लाभ
इस मल्टी-ट्रैकिंग प्रोजेक्ट से लगभग 1,434 गांवों और 13.46 लाख लोगों को लाभ होगा, जिसमें गया और नवादा जैसे दो महत्वाकांक्षी जिले शामिल हैं. यह कोयला, सीमेंट, क्लिंकर और फ्लाई ऐश जैसे प्रमुख सामानों की माल ढुलाई को बेहतर बनाएगा, जिससे 26 मिलियन टन प्रति वर्ष अतिरिक्त यातायात की उम्मीद है. यह प्रोजेक्ट 5 करोड़ लीटर तेल आयात को कम करेगा और 24 करोड़ किलोग्राम CO2 उत्सर्जन को रोकेगा, जो 1 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है.
दूसरा प्रोजेक्ट: 4-लेन हाईवे
दूसरा प्रोजेक्ट साहेबगंज-अरेराज-बेतिया खंड में NH-139W के 4-लेन ग्रीनफील्ड हाईवे का निर्माण है. इसकी कुल लंबाई 78.942 किमी और लागत 3,822.31 करोड़ रुपये है. यह हाईवे हाइब्रिड एन्युटी मोड के तहत बनाया जाएगा. यह पटना और बेतिया के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा और वैशाली, सारण, सिवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण जिलों से होते हुए भारत-नेपाल सीमा तक जाएगा.
यह हाईवे 7 पीएम गति शक्ति आर्थिक नोड्स, 6 सामाजिक नोड्स, 8 लॉजिस्टिक नोड्स और 9 प्रमुख पर्यटन व धार्मिक केंद्रों जैसे केसरीया बुद्ध स्तूप, सोमेश्वरनाथ मंदिर, जैन मंदिर, विश्व शांति स्तूप और महावीर मंदिर को जोड़ेगा. यह 80 किमी/घंटा की गति के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे साहेबगंज और बेतिया के बीच का सफर 2.5 घंटे से घटकर 1 घंटे का हो जाएगा.
NH-139W प्रोजेक्ट से 14.22 लाख मानव-दिवस का प्रत्यक्ष रोजगार और 17.69 लाख मानव-दिवस का अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होगा. साथ ही, कॉरिडोर के साथ आर्थिक गतिविधियों से और अवसर मिलेंगे.
