पन्ना:– छतरपुर ज़िले के छोटे से गाँव ग्राम गढ़ा के रहने वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री जिन्हें बागेश्वर धाम सरकार के नाम से जाना जाता है इन दिनों देश ही नहीं पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो चुके हैं। मशहूर कथावाचक और बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने हाल ही में एक दिलचस्प इच्छा जताई है। उन्होंने कहा है कि वे भूत-प्रेत और अलौकिक घटनाओं पर Ph.D. करना चाहते हैं। उन्होंने यह बात दो बार राष्ट्रीय न्यूज़ चैनलों पर सार्वजनिक रूप से कही है।
अब सवाल उठता है कि भूतों पर Ph.D. कौन करता है। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बहुत लोगों ने की है हालांकि भारत में अभी तक भूत-प्रेत या अलौकिक शक्तियों पर पीएचडी करने का कोई मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय नहीं है लेकिन दुनिया में कुछ विश्वविद्यालय ऐसे हैं जो पैरानॉर्मल स्टडी, परासाइकोलॉजी और अलौकिक घटनाओं पर शोध को मान्यता देते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार इस तरह के कोर्स में छात्र अलौकिक घटनाओं का अध्ययन करते हैं रहस्यमय अनुभव करते हैं और सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में इन घटनाओं के महत्व को समझते हैं।
इस क्षेत्र में सबसे प्रसिद्ध उदाहरण है एडिनबरा विश्वविद्यालय का कोस्टलर परासाइकोलॉजी यूनिट। यह यूनिट परासाइकोलॉजी के कई पहलुओं पर शोध करता है। इसमें छात्र ऐतिहासिक संदर्भ, शरीर से बाहर के अनुभव, भूत-प्रेत या अलौकिक घटनाओं के अनुभव, सपनों का अध्ययन, मानसिक या सायको क्षमता और कई अन्य विषयों का अध्ययन कर सकते हैं। छात्र इन विषयों पर विभिन्न स्तरों के कोर्स भी कर सकते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, एडिनबरा विश्वविद्यालय पिछले 50 सालों से इस कोर्स को ऑफर कर रहा है। इसके अलावा, दुनिया के कई अन्य विश्वविद्यालय भी इस तरह के कोर्स उपलब्ध कराते हैं।
