मध्यप्रदेश:– ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन, भावनाओं और मानसिक संतुलन का कारक माना गया है. जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में चंद्रमा नीच का होता है, तो इसके दुष्परिणाम जीवन में स्पष्ट दिखाई देते हैं. ऐसे जातक प्रायः मानसिक अस्थिरता, पारिवारिक कलह, अवसाद, असफल प्रेम और भावनात्मक उतार-चढ़ाव जैसी चुनौतियों का सामना करते हैं. परंतु शास्त्रों में बताया गया है कि नीच ग्रहों को शांत करने के लिए दान का महत्व सर्वोपरि है.
सबसे प्रभावी उपाय
विशेषकर नीच का चंद्रमा हो तो दूध दान सबसे प्रभावी उपाय माना जाता है. सोमवार या पूर्णिमा के दिन गाय या ब्राह्मण को शुद्ध दूध दान करने से मन की अशांति दूर होती है, तनाव घटता है और व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति का संचार होता है. कहा जाता है कि इस छोटे से उपाय से चंद्रमा शुभ फल देने लगता है और भाग्य की दिशा बदल जाती है. यह उपाय उतना ही सरल है जितना शक्तिशाली.
विचारों पर नकारात्मकता
ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा अगर वृश्चिक राशि में स्थित हो तो वह नीच का हो जाता है. ऐसी स्थिति में जातक के विचारों पर नकारात्मकता का असर अधिक दिखता है. यही कारण है कि दूध दान को नीच चंद्रमा की पीड़ा मिटाने के लिए सर्वश्रेष्ठ उपाय बताया गया है. यह न केवल ग्रह दोष को कम करता है बल्कि जीवन में मानसिक शांति और आत्मविश्वास भी बढ़ाता है.
ये उपाय भी करना चाहिए
दूध दान करने के साथ-साथ सोमवार का व्रत रखना, चंद्र मंत्र का जाप करना और माता-पिता की सेवा करना भी नीच चंद्रमा के दुष्प्रभावों को काफी हद तक दूर करता है. सही समय पर किए गए ये उपाय जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, मन की स्थिरता और सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं।