नई दिल्ली:– आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में हर किसी की जिंदगी व्यस्त हो गई है। इस जिंदगी में सेहत का ख्याल रख पाना मुश्किल हो जाता है तो वहीं पर रहन-सहन की ओर ध्यान नहीं रखना चाहिए। अनुचित खानपान या सही तरीके से संतुलित आहार नहीं लेने की वजह से एसिडिटी की समस्या बढ़ जाती है। एसिडिटी की समस्या में पीड़ित व्यक्ति के पेट में एसिड यानि अम्ल की मात्रा बढ़ जाती है।
एसिडिटी से ऐसे लक्षण आते है नजर
अगर आप एसिडिटी की समस्या से जूझ रहे है तो आपको कई तरह के लक्षण नजर आते है। इसमें पेट में जलन, सीने में दर्द और कभी-कभी गले में खट्टी डकार आने लगती है, जो दिनभर हमारे काम करने की क्षमता पर भी असर डालती है। वहीं पर दवाईयों के जरिए जहां पर एसिडिटी की समस्या को कम किया जाता है लेकिन आयुर्वेद में भी एसिडिटी को दूर करने के उपाय शामिल है।
जानिए आयुर्वेद में एसिडिटी दूर करने के उपाय
आप एसिडिटी की समस्या को दूर करने के लिए इन खास आयुर्वेदिक उपायों के बारे में जान सकते है, जो इस प्रकार है…
1-जब पेट में एसिड बढ़ जाता है तो ठंडा दूध पीना एक कारगर उपाय होता है। कहते हैं कि, दरअसल, दूध में मौजूद कैल्शियम पेट के अम्ल को कम करता है और जलन को शांत करता है।
2-केला भी एसिडिटी में राहत देने वाला फल है क्योंकि इसमें प्राकृतिक तत्व होते हैं जो अम्लता से जुड़ी पेट की समस्याओं को कम करते हैं और पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं। केला खाने से पेट को तुरंत आराम मिलता है और जलन का अहसास कम हो जाता है।
3- आयुर्वेद उपायों में एसिडिटी की समस्या से राहत पाने के लिए आप जीरा और अजवाइन का सेवन कर सकते है। यहां पर जीरा और अजवाइन दोनों ही भारतीय घरों में पाचन सुधारने के लिए लंबे समय से उपयोग में आते रहे हैं। जीरे को पानी में उबालकर पीने से पेट में बनने वाली गैस और एसिडिटी कम होती है, जिससे पेट हल्का महसूस होता है।
4- इसके अलावा अगर आप एसिडिटी की समस्या से जूझ रहे है तो, अजवाइन को पानी में उबालकर या हल्का काला नमक डालकर खाने से फायदा मिलता है। दरअसल भी पाचन तंत्र मजबूत होता है और पेट की मांसपेशियां आराम पाती हैं। ये दोनों उपाय न केवल पेट की जलन को कम करते हैं बल्कि पाचन को भी दुरुस्त करते हैं, जिससे भोजन जल्दी पचता है और एसिडिटी की समस्या कम होती है।
5- एसिडिटी की समस्या के लिए नारियल पानी भी एक शानदार प्राकृतिक इलाज है। इसमें मौजूद इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर के पीएच स्तर को संतुलित रखते हैं, जिससे पेट में अम्लता कम होती है और जलन में राहत मिलती है।
6- खाने के बाद सौंफ चबाना भी एक पुराना और असरदार तरीका है जो पेट की गैस को कम करता है और पाचन को सुधारता है। सौंफ के इस्तेमाल से भोजन जल्दी पचता है और एसिडिटी की समस्या कम हो जाती है।