नई दिल्ली:– राजस्थान सरकार द्वारा शुरू की गई पालनहार योजना 2025 राज्य के अनाथ, बेसहारा और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए एक मानवीय पहल है। इस योजना का उद्देश्य बच्चों को अनाथालयों में भेजने की बजाय उनके परिवार या रिश्तेदारों के साथ सुरक्षित और स्नेहपूर्ण माहौल में पालना है। सरकार का मानना है कि पारिवारिक वातावरण में पले-बढ़े बच्चे मानसिक, सामाजिक और शैक्षिक रूप से बेहतर विकास कर पाते हैं।
बच्चों की पढ़ाई और जीवनशैली के लिए आर्थिक मदद
इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार पात्र बच्चों को हर महीने वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह राशि बच्चों की पढ़ाई, भोजन, स्वास्थ्य और अन्य बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में सहायक होती है। पालन करने वाले अभिभावकों को भी इस मदद से राहत मिलती है, जिससे वे बच्चों को बेहतर जीवन दे पाते हैं। इसके अलावा सरकार हर साल अतिरिक्त आर्थिक सहायता भी देती है, जिससे कपड़े, किताबें और अन्य आवश्यक सामग्री खरीदी जा सके।
किन बच्चों को मिलेगा योजना का लाभ
पालनहार योजना का लाभ उन बच्चों को मिलेगा जिनके माता-पिता का देहांत हो चुका है या जिन्हें अदालत द्वारा फांसी या उम्रकैद की सजा दी गई हो। इसके अलावा तलाकशुदा, विधवा और परित्यक्ता महिलाओं के बच्चे भी इस योजना के दायरे में आते हैं। हालांकि योजना का लाभ पाने के लिए परिवार की वार्षिक आय ₹1,20,000 से कम होनी चाहिए और बच्चे की उम्र 0 से 18 वर्ष के बीच होना अनिवार्य है। छोटे बच्चों का नाम आंगनवाड़ी केंद्र में और बड़े बच्चों का नाम मान्यता प्राप्त स्कूल में दर्ज होना चाहिए।
सरकार द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता
योजना के तहत बच्चों को उनकी आयु और परिस्थिति के अनुसार सहायता राशि दी जाती है। 0 से 6 वर्ष तक के अनाथ बच्चों को हर महीने ₹1500 और 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों को ₹2500 तक की सहायता दी जाती है। वहीं अन्य पात्र बच्चों को क्रमशः ₹750 और ₹1500 प्रतिमाह दिए जाते हैं। इसके अलावा सभी लाभार्थियों को साल में एक बार ₹2000 की अतिरिक्त राशि भी प्रदान की जाती है ताकि उनकी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
आवेदन की प्रक्रिया: ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प
राज्य सरकार ने आवेदन प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाया है। इच्छुक आवेदक राजस्थान सरकार की SSO पोर्टल पर जाकर अपनी SSO ID के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। वहीं जिनके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है, वे नजदीकी बाल विकास कार्यालय, पंचायत समिति या ग्राम पंचायत में जाकर ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करते समय आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, माता-पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र और बैंक पासबुक जैसे दस्तावेज प्रस्तुत करना अनिवार्य है।