छत्तीसगढ़ :– सरकारी विभाग के नाम पर गैरकानूनी एनजीओ बनाकर 638 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है। राज्य निःशक्तजन स्रोत संस्थान नामक इस एनजीओ के माध्यम से सरकारी धन का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया गया। जांच में 31 तरह की वित्तीय अनियमितताएं उजागर हुई हैं, जो अधिकारियों की मिलीभगत को दर्शाती हैं।
सरकारी विभाग को सोसाइटी ने संभाला
अदालत की रिपोर्ट में यह पाया गया कि पीआरआरसी, जो समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत एक सरकारी संस्था है, उसे एक सोसाइटी (SRC) द्वारा चलाया जा रहा था, जो पूरी तरह से अवैध और संदिग्ध है। कर्मचारियों के वेतन के लिए जरूरी ई-कोड जारी नहीं किए गए, बावजूद इसके लाखों रुपये वेतन के रूप में निकाले गए।
फर्जी भर्ती, वेतन और दस्तावेजों की भारी कमी
जांच में यह भी पता चला कि पीआरआरसी के 17 पद स्वीकृत थे, लेकिन भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह फर्जी थी। न तो कोई भर्ती विज्ञापन था, न ही नियुक्ति आदेश, फिर भी नामजद कर्मचारियों को वेतन दिया गया।
अदालत ने कड़ी टिप्पणी की
हाई कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य सचिव को स्वतंत्र जांच कराने का आदेश दिया। जांच रिपोर्ट में वित्तीय अनियमितताओं और सार्वजनिक धन के गबन की पुष्टि हुई, लेकिन अभी तक दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।