नई दिल्ली:– इजरायल और हमास ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत दोनों पक्ष संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं। इस समझौते के अनुसार, फ़िलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले इज़रायली बंधकों को मुक्त किया जाएगा। यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता में तैयार किए गए शांति प्रस्ताव का पहला चरण है, जिसका उद्देश्य गाज़ा में पिछले दो वर्षों से जारी युद्ध को समाप्त करना है।
इस घोषणा के बाद इजरायल और फ़िलिस्तीनी इलाकों में जश्न का माहौल है। माना जा रहा है कि यह कदम उस लंबे और भीषण संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में अब तक की सबसे बड़ी पहल है, जिसमें लगभग 70,000 से अधिक फ़िलिस्तीनियों की जान गई थी। इस समझौते के तहत हमास द्वारा दो साल पहले किए गए हमलों के दौरान पकड़े गए अंतिम इजरायली बंधकों को भी अब रिहा किया जाएगा। समझौते के मुताबिक, अब जंग पूरी तरह थम जाएगी। इज़रायल गाज़ा के कुछ हिस्सों से अपनी सेनाएं पीछे हटाएगा, जबकि हमास इजरायल की जेलों में बंद सैकड़ों कैदियों की रिहाई के बदले सभी शेष बंधकों को आज़ाद करेगा। ट्रंप ने घोषणा की है कि बंधकों की रिहाई अगले हफ्ते की शुरुआत में हो जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग
इसके अलावा, गाजा में फंसे आम नागरिकों की मदद के लिए खाद्य सामग्री और दवाइयाँ लेकर जाने वाले ट्रकों के काफिले को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। यह राहत उन हजारों लोगों तक पहुँचेगी जिनके घर इजरायली हमलों में तबाह हो चुके हैं और जो अब अस्थायी शिविरों या तंबुओं में रह रहे हैं।
अगर यह समझौता पूरी तरह लागू हो जाता है, तो यह दोनों पक्षों को उस जंग को खत्म करने के पहले के हर प्रयास से कहीं अधिक नजदीक ले आएगा वही जंग जिसने इजरायल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग कर दिया और धीरे-धीरे एक व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष में बदल गई, जिसमें अब ईरान, यमन और लेबनान जैसे देश भी शामिल हैं। हालांकि, अभी भी कई अड़चनें बाकी हैं। समझौते पर हस्ताक्षर होने के बावजूद, एक फ़िलिस्तीनी सूत्र का कहना है कि जिन कैदियों को रिहा किया जाना है, उनकी सूची पर अब तक अंतिम सहमति नहीं बन पाई है। फ़िलिस्तीनी पक्ष चाहता है कि इस सूची में इज़रायली जेलों में बंद उनके कुछ प्रमुख कैदियों के साथ-साथ हालिया इजरायली हमलों के दौरान हिरासत में लिए गए सैकड़ों लोगों को भी शामिल किया जाए।
नेतन्याहू सरकार में बढ़ी हलचल
डोनाल्ड ट्रंप की 20-सूत्रीय शांति योजना के अगले चरणों पर अब भी मंथन जारी है। चर्चा का मुख्य विषय यह है कि जंग खत्म होने के बाद तबाह हो चुकी गाज़ा पट्टी का शासन कौन संभालेगा और हमास का भविष्य क्या होगा, जिसने अब तक इज़रायल की निरस्त्रीकरण की शर्तों को मानने से इनकार किया है।
इसी बीच, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को अपनी ही सत्तारूढ़ गठबंधन में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। दक्षिणपंथी राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्वीर ने चेतावनी दी है कि अगर हमास का पूर्ण रूप से सफाया नहीं किया गया, तो वे सरकार गिराने के पक्ष में वोट देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह प्रस्तावित समझौते के खिलाफ मतदान करेंगे। हालांकि, युद्ध समाप्त होने और बंधकों की वापसी की घोषणा का देशभर में राहत और खुशी के साथ स्वागत किया गया है।