मध्यप्रदेश:– करवा चौथ का व्रत हर सुहागन स्त्री अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखती है. लेकिन कभी-कभी अनजाने में यह व्रत टूट जाता है. जैसे पानी पी लेना, कुछ खा लेना या चंद्रमा निकलने से पहले गलती से व्रत खोल लेना. ऐसे में महिलाएं घबरा जाती हैं कि क्या अब व्रत का फल नहीं मिलेगा? धर्मशास्त्र कहता है कि आस्था और भावना सबसे ऊपर है. गलती से टूटा व्रत भी अगर श्रद्धा से रखा गया है तो उसका पुण्य बना रहता है.
पंडितों के अनुसार, अगर करवा चौथ का व्रत गलती से टूट जाए तो सबसे पहले “हे पार्वती माता, मेरे से अनजाने में हुई भूल क्षमा करें” यह कहकर क्षमायाचना करनी चाहिए. फिर मन ही मन दो मिनट मौन रहकर व्रत की पुनः भावना करें. इसके बाद संकल्प लें कि अगली बार व्रत पूरे नियम से करेंगे. यदि संभव हो तो अगले दिन शिव-पार्वती को जल चढ़ाएं या किसी जरूरतमंद महिला या कन्या को मिठाई और वस्त्र दान दें.
धार्मिक मान्यता है कि देवी पार्वती भावना प्रधान हैं. वे व्रत की पूर्णता नहीं, बल्कि नारी के समर्पण और निष्ठा को देखती हैं. इसलिए यदि गलती अनजाने में हो, तो उसका दोष नहीं लगता. व्रत का फल वही मिलता है, जो सच्चे मन से निष्ठा रखे.
इसलिए यदि आज किसी सुहागन का करवा चौथ व्रत टूट भी गया है, तो पछताने की नहीं, बल्कि श्रद्धा से क्षमा मांगकर प्रेम और विश्वास बनाए रखने की जरूरत है, क्योंकि करवा चौथ का सार भूख नहीं, भावना है।