नई दिल्ली:– प्रेमानंद महाराज को आज के समय में हर कोई सुनता है। लोगों का कहना है कि जो लोग प्रेमानंद महाराज को सुनते हैं, उन्हें जीवन में बहुत कुछ सिखने को मिलता है। ऐसी ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें प्रेमानंद महाराज जी ने बताया है कि कैसे बच्चों को अच्छी आदत सीखाकर गलत रास्ते पर जाने से रोका जा सकता है।आजकल छोटे से छोटे बच्चों को भी मोबाइल फ़ोन की बहुत गन्दी आदत लगी हुई है। जब भी बच्चे खाना भी खाते हैं, तो उन्हें मोबाइल फ़ोन देखना होता है। प्रेमानंद महाराज जी ने इसी को देखते हुए, एक वीडियो बनाई है। जिसमें उन्होंने बताया है कि किस तरह माता-पिता अपने बच्चे को गलत रास्ते पर जाने से रोक सकते हैं
जब बच्चे छोटे होते हैं, तो वो एक मिट्टी की तरह होते हैं। उस अवस्था में उन्हें किसी भी तरह की आदत में ढाला जा सकता है। महाराज जी बताते हैं कि 1 से 10 साल की उम्र ऐसी होती है, जिसमें बच्चे को अच्छी या बुरी आदतें सिखने में ज्यादा समय नहीं लगता है। बच्चे जो भी देखते हैं, वो वही सीखते हैं ऐसे बहुत से पेरेंट्स हैं, जो अपने बच्चे के जीवन को लेकर काफी चिंता में रहते हैं कि कहीं हमारा बच्चा किसी गलत रास्ते पर न चला जाए।उन्हें इस बात की चिंता भी होती है कि बच्चों को क्या सिखाना चाहिए और क्या नहीं, पेरेंट्स की चिंता को दूर करने के लिए प्रेमानंद महाराज जी ने एक वीडियो बनाई है। जिसमें उन्होंने ऐसी कुछ बातें बताई हैं, जो आप अपने बच्चे को सिखा सकते हैं।इस वीडियो में प्रेमानंद महाराज जी ने बताया है कि बच्चों की दिनचर्या कैसी होनी चाहिए और माता-पिता को अपने बच्चों को किस तरह की अच्छी आदतों को सिखाना चाहिए।
माता-पिता को अपने बच्चों को ये सिखाना बहुत जरूरी है कि हमेशा बड़े बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए। उन्हें हर इंसान के प्रति आदर की भावना रखना चाहिए, जिससे वो एक महान व्यक्ति बन सकता है।
अपने बच्चों को टाइम मैनेजमेंट जरूरी सिखाना चाहिए, ताकि वो अपने समय को व्यर्थ न जानें दें। बचपन से ही अपने बच्चे को समझाएं कि हर काम का एक समय होता है। इससे वो कभी भी आलस्य नहीं करेगा।
अपने बच्चे को हमेशा चीजें बांटना सिखाइए, ताकि वो लोगों की मदद कर सके। बच्चे के लिए अकेले खाना या अपने पास ही सब रखना ठीक नहीं है। जरूरतमंदों के साथ चीजें बांटना ही सच्ची इंसानियत है। इससे आपका बच्चा स्वार्थी नहीं बनेगा।
उसे इस बात को भी बताना चाहिए कि कभी भी हार से हारना नहीं बल्कि इससे सीखना चाहिए। अगर खेल में हार गए या फिर परीक्षा में फेल हो गए तो घबराना नहीं है, बल्कि मेहनत और लगन से दोबारा प्रयास करना चाहिए।
रोज किताबों से दोस्ती करना, नई बातें सीखना और सवाल पूछना! ये सब आदतें अगर शुरुआत से डाल दी जाएं, तो बच्चा जीवनभर ज्ञान की रोशनी में आगे बढ़ेगा।
जितना हो सके अपने बच्चों को गलत आदतों और मोबाइल फ़ोन से दूर रखना चाहिए, ताकि वो गलत आदत से दूर रहे।