नई दिल्ली:– हिंदू धर्म में मंदिर जाकर पूजा-पाठ करने का विशेष महत्व है। कहते हैं कि मंदिर की वाइब बहुत ही उच्च लेवल की होती है और यहां पर कही गई बात भगवान तक जल्दी पहुंचती है। मंदिर में पूजा-पाठ करने के कई नियम होते हैं, जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं। वास्तु शास्त्र में कई ऐसे नियम हैं जिनका जिक्र हिंदू धर्म ग्रंथों में भी है। इसी में से एक है कि मंदिर में जाते वक्त एक मंत्र का बोलना बहुत जरूरी है। ये मंत्र अपने आप में पूरा संसार लिए होती है। चलिए जानते हैं कि आखिर ये मंत्र कौन सा है और इसके उच्चारण से क्या लाभ मिलते हैं?
मंदिर में अनुशासन है जरूरी
कई बार जाने-अनजाने में हम ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिसका परिणाम सही नहीं होता है। बता दें कि शिव पुराण समेत हिंदू के कई धार्मिक ग्रंथों में मंदिर में पूजा करने के कई नियम बताए गए हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार मंदिर में घुसने के बाद किसी भी शख्स को अनुशासन में रहना चाहिए। इससे मन भी शांत रहता है और पूजा भी सही तरीके से हो जाती है। शिव पुराण में एक मंत्र का जिक्र किया गया है और कहा गया है कि हर बार मंदिर में प्रवेश के समय इसे जरूर बोलना चाहिए। कहा जाता है कि इस मंत्र के उच्चारण से भगवान हमारे सारे भूल-चूक भी माफ कर देते हैं।
बता दें कि शिव पुराण में मंदिर में जाकर पूजा करने के कई नियम बताए गए हैं। एक नियम के अनुसार मंदिर में घुसते वक्त पंचाक्षर मंत्र यानी कि नम: शिवाय जरूर बोलना चाहिए। इस मंत्र के बोलने के बाद ही मंदिर की चौखट को पार करना चाहिए। मान्यता है कि ये मंत्र बहुत ही शक्तिशाली है और इसके उच्चारण मात्र से ही मन शुद्ध हो जाता है। माना जाता है कि इस मंत्र के चलते ही अगर पूजा के दौरान कोई गलती हुई है तो उसे भगवान शिव और बाकी देवी-देवता माफ कर देते हैं। शास्त्रों के अनुसार इस एक मंत्र के चलते इंसान को मोक्ष की प्राप्ति होती है। आप चाहें तो इस मंत्र को मंदिर के अंदर भी बोल सकते हैं।