मध्यप्रदेश:– बदलते मौसम और बारिश के सीजन में डेंगू और टाइफाइड दोनों के मामलों में बढ़ोतरी देखी जाती है. डेंगू मुख्य रूप से एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है, जबकि टाइफाइड संक्रमित पानी और भोजन से होता है. बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को अधिक जोखिम होता है. उच्च तापमान और नमी मच्छरों की संख्या को बढ़ाते हैं, जिससे डेंगू का खतरा और बढ़ जाता है. गंदे पानी या असुरक्षित खाने से टाइफाइड का संक्रमण होने की संभावना ज्यादा रहती है. इन दोनों बीमारियों का मौसम के बदलते पैटर्न और लाइफस्टाइल से सीधा संबंध है.
हाल ही में कुछ मरीजों में देखा गया है कि उन्हें एक समय पर डेंगू और टाइफाइड दोनों का संक्रमण हुआ है. इसका कारण है कि दोनों बीमारियां अलग-अलग रास्तों से शरीर में प्रवेश करती हैं. डेंगू वायरल संक्रमण है और मच्छर के काटने से फैलता है, जबकि टाइफाइड बैक्टीरिया से होता है और दूषित पानी या भोजन से शरीर में पहुंचता है. अगर किसी व्यक्ति की इम्यूनिटी कमजोर हो, तो शरीर दोनों संक्रमणों का सामना नहीं कर पाता और को-इंफेक्शन हो सकता है. यह स्थिति अधिक जटिल हो सकती है और समय पर इलाज बहुत जरूरी है.
डेंगू और टाइफाइड एक साथ होना कितना खतरनाक है?
आरएमएल हॉस्पिटल में मेडिसिन विभाग में डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ. सुभाष गिरी बताते हैं कि एक साथ डेंगू और टाइफाइड होने पर बीमारी की गंभीरता बढ़ जाती है. दोनों बीमारियों में तेज बुखार, सिरदर्द, पेट दर्द और उल्टी जैसे लक्षण सामान्य हैं, लेकिन को-इंफेक्शन में लक्षण अधिक तेज और लगातार बने रहते हैं. डेंगू के कारण ब्लड में प्लेटलेट्स कम हो सकते हैं, जिससे ब्लीडिंग और कमजोरी बढ़ जाती है. टाइफाइड से पेट और पाचन तंत्र प्रभावित होते हैं, जिससे भूख कम होना और डिहाइड्रेशन की समस्या होती है.
अगर इलाज समय पर नहीं किया गया, तो मरीज की हालत गंभीर हो सकती है और अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है. डॉक्टर का कहना है कि को-इंफेक्शन में बीमारी के उपचार में सावधानी और दोनों बीमारियों के लिए अलग-अलग दवाओं का संयोजन जरूरी है. इसलिए शरीर में किसी भी गंभीर लक्षण के दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
कैसे करें बचाव
मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी और मच्छर रिपेलेंट का प्रयोग करें.
साफ पानी पिएं और सुरक्षित भोजन ही लें.
घर और आसपास सफाई और जलभराव से बचाव करें.
बच्चों और बुजुर्गों को अतिरिक्त सुरक्षा दें.
डेंगू और टाइफाइड के टीके समय पर लगवाएं.
बुखार, कमजोरी या पेट दर्द जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।