नई दिल्ली:– भारत सरकार द्वारा शुरू की गई अटल पेंशन योजना युवाओं के लिए एक भरोसेमंद निवेश विकल्प है, जिसमें 60 वर्ष की आयु के बाद नियमित पेंशन मिलने का वादा किया गया है. लेकिन कई निवेशकों के मन में यह सवाल उठता है कि एक बार शुरुआत करने के बाद क्या इस योजना को बंद कराया जा सकता है? यदि हाँ, तो किन शर्तों के तहत? आइए विस्तार से जानते हैं.
बंद करने की अनुमति, पहले और अब
शुरुआत में अटल पेंशन योजना में 60 वर्ष की आयु से पहले खाता बंद करना संभव नहीं था, सिवाय कुछ विशेष परिस्थितियों जैसे सदस्य की मृत्यु या गंभीर बीमारी.
बाद में नियमों में बदलाव किया गया और अब स्वैच्छिक निकासी की अनुमति दी गई है, यानी कोई भी सदस्य 60 वर्ष की आयु से पहले अपनी इच्छा से योजना बंद कर सकता है.
जब कोई व्यक्ति स्वैच्छिक रूप से बाहर निकलना चाहता है, तो उसे सरकारी योगदान और उस पर मिले ब्याज की राशि नहीं मिलेगी. उसे केवल अपने निवेश और उससे प्राप्त शुद्ध ब्याज (Net Interest) मिलेगा, जिसमें से खाते के रखरखाव शुल्क आदि काटे जाएंगे.
कैसे बंद कराएं, प्रक्रिया
उस बैंक शाखा में जाएं जहां आपका APY खाता है.
वहां “Voluntary Exit / Closure Form” भरना होगा.
फॉर्म में PRAN, बैंक खाता संख्या और निकासी का कारण दर्ज करें.
बैंक आपके आवेदन की जांच के बाद राशि आपके बचत खाते में ट्रांसफर कर देगा.
यदि खाता बंद करना मृत्यु या गंभीर बीमारी के कारण हो रहा है, तो सरकारी योगदान भी वापस किया जाता है, यानी कोई कटौती नहीं होती.
किन मामलों में निकासी नहीं मिलेगी?
यदि आपने योजना में 1 अप्रैल 2016 से पहले शामिल होकर सरकारी सह-योग प्राप्त किया था, तो स्वैच्छिक निकासी करने पर वह राशि और उस पर मिला ब्याज नहीं मिलेगा.
अगर आप योजना में शामिल होने के समय या बाद में आयकरदाता बने, तो आपका खाता बंद किया जा सकता है और जमा राशि लौटा दी जाएगी.
बंद कराना संभव है, लेकिन कुछ सीमाओं के साथ में एक बार निवेश करने के बाद इसे बंद कराया जा सकता है, लेकिन यह स्वैच्छिक निकासी के रूप में होगी, जिसमें सरकारी योगदान वापस नहीं मिलता.
प्रक्रिया सरल है: बैंक जाएं, फॉर्म भरें और अपनी राशि वापस पाएं.
हालांकि, यदि आपके खाते में सरकारी योगदान शामिल है, तो वह हिस्सा नहीं लौटाया जाएगा. मृत्यु या गंभीर बीमारी जैसी परिस्थितियों में निकासी पूरी राशि के साथ संभव हैm