नई दिल्ली:– भारतीय वायुसेना (IAF) को लंबे इंतजार के बाद जल्द ही स्वदेशी ‘तेजस एमके 1ए’ लड़ाकू विमान मिलने वाला है। शुक्रवार को महाराष्ट्र के नासिक में हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में यह विमान अपनी पहली उड़ान भरेगा। यह उन्नत वर्जन मिग-21 का स्थान लेगा।
भारतीय वायुसेना को जल्द ही स्वदेशी ‘तेजस एमके 1ए’ लड़ाकू विमान की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। वायुसेना लंबे समय से इस फाइटर जेट का इंतजार कर रही है। इसकी पहली उड़ान शुक्रवार को महाराष्ट्र के नासिक में हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में होगी।
मिग-21 का लेगा स्थान यह विमान
भारतीय वायुसेना के बेड़े में मिग-21 लड़ाकू विमानों का स्थान लेगा। गौरतलब है कि वायुसेना ने पिछले महीने 26 सितंबर को ही मिग-21 को अपने बेड़े से सेवानिवृत्त किया है। फीचर्स और तैनाती तेजस एमके 1ए, तेजस लड़ाकू विमान का एडवांस वर्जन है।
क्या है ‘तेजस एमके 1ए’ की खूबियां?
यह आधुनिक एवियोनिक्स, बेहतर हथियार क्षमता और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम से लैस होगा। इसमें अपग्रेडेड एवियॉनिक्स और रडार सिस्टम भी मौजूद हैं। एचएएल का कहना है कि इस फाइटर जेट की रफ्तार 2200 किमी से भी अधिक है। इसे ब्रह्मोस समेत विभिन्न स्वदेशी हथियारों से लैस किया जाएगा। वायुसेना के बेड़े में शामिल होने के बाद, इस आधुनिकतम लड़ाकू विमान को पाकिस्तान बॉर्डर के करीब बीकानेर स्थित नाल एयरबेस पर तैनात किया जा सकता है।
65 प्रतिशत से अधिक उपकरण स्वदेशी
एमके 1ए के निर्माण में भारतीय कंपनियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसमें लगे 65 प्रतिशत से अधिक उपकरण स्वदेशी हैं। भारतीय वायुसेना को लड़ाकू विमानों की आपूर्ति के लिए 25 सितंबर को नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण अनुबंध किया गया था।
रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ 97 स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस एमके-1ए की खरीद के लिए 62,370 करोड़ रुपए (या 62 हजार करोड़ रुपए से अधिक) का अनुबंध किया है। इस सौदे में 68 सिंगल-सीटर लड़ाकू विमान और 29 ट्विन-सीटर ट्रेनर विमान का सौदा शामिल है। मंत्रालय का कहना है कि यह अनुबंध भारतीय वायुसेना की क्षमता को और मजबूत करेगा।
अमेरिकी कंपनी सप्लाई करती है इंजन
एचएएल को हाल ही में एलसीए एमके-1ए के लिए चौथा जीई-404 जेट इंजन मिला है। अमेरिकी कंपनी जीई भारत में एचएएल को यह जेट इंजन सप्लाई कर रही है। एचएएल को इस वित्त वर्ष के अंत तक कुल 12 जीई-404 जेट इंजन मिलने की उम्मीद है। एचएएल अधिकारियों के मुताबिक, इंजन आपूर्ति श्रृंखला में सुधार होने से लड़ाकू विमान तेजस एमके-1ए के उत्पादन और वायुसेना को डिलीवरी देने के कार्यक्रम में गति आएगी।