नई दिल्ली: – अमेरिकी टैरिफ और ट्रेड वॉर को लेकर दुनिया चिंतित है। वहीं S&P का मानना है कि भारत सख्त टैरिफ और दुनिया भर में व्यापार के झटकों का मजबूती से सामना करेगा। S&P ग्लोबल रेटिंग्स के प्रेसिडेंट यान ले पैलेक ( Yann Le Pallec ) ने इकोनॉमिक टाइम्स के साथ एक खास बातचीत में अनुमान जताया कि इस साल भारत की इकोनॉमी लगभग 6.5% की दर से बढ़ेगी और अगले दो सालों में यह बढ़कर करीब 7% हो जाएगी।
यह S&P के भारत की सॉवरेन रेटिंग को ‘BBB’ पर अपग्रेड करने के बाद पैलेक का भारत के दौरे के दौरान पहला इंटरव्यू था। यह 18 सालों में किसी ग्लोबल एजेंसी की तरफ से पहला ऐसा अपग्रेड था। पैलेक ने कहा कि जियोपॉलिटिक्स (दुनिया की राजनीतिक उठापटक) एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। लेकिन खतरे की जगह यह भारत के लिए कई मैनेज की जा सकने वाली मुश्किलों में से एक है।
निवेशकों की पसंद बना भारत
पैलेक ने कहा कि फिलहाल दुनिया भर के निवेशक भारत को पूंजी के लिए सबसे आकर्षक जगहों में से एक मानते हैं, जहां स्थिर और लंबी अवधि के ग्रोथ के मौके मिल रहे हैं। उन्होंने भारत की ग्रोथ की संभावनाओं, ग्लोबल रेट में उतार-चढ़ाव और डेट मार्केट में इससे पैदा होने वाली अस्थिरता, फाइनेंशियल दुनिया पर एआई के बढ़ते असर पर चर्चा की।
क्या है भारत के रेटिंग बढ़ाने की वजह?
भारत की रेटिंग को बढ़ाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने कुछ महीने पहले भारत की रेटिंग को अपग्रेड किया था। हमने यह फैसला भारत की आर्थिक मजबूती, स्थिर पॉलिसी और फिजिकल और एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर में लगातार हो रहे निवेशकों देखते हुए लिया। हमारी रेटिंग्स भविष्य को देखकर दी जाती है। हमें उम्मीद है कि यह मजबूती बनी रहेगी। इस साल GDP ग्रोथ करीब 6.5% और अगले दो सालों में करीब 7% रहने की उम्मीद है, जो दुनिया की टॉप 5 इकोनॉमी में से एक के लिए बहुत प्रभावशाली है।
भारत का बड़ा घरेलू बाजार इसे दुनिया के झटकों से बचाने में मदद करता है। अमेरिका को होने वाला भारत का एक्सपोर्ट जीडीपी का सिर्फ 2% ही है। जियोपॉलिटिक्स दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा है। इससे बाजार में अनिश्चितता बनी रहती है, लेकिन भारत के लिए यह कई मैनेज की जा सकने वाली मुश्किलों में से एक है। उन्होंने कहा कि भारत की रफ्तार शानदार है, क्योंकि दुनिया की टॉप पांच अर्थव्यवस्थाओं में से कुछ ही देश एक दशक तक लगभग 7% की ग्रोथ बनाए रख सकते हैं।
फेड कट से क्या असर?
उन्होंने कहा कि हमारे अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस साल के अंत तक दरों में 0.25% (25 बेसिस पॉइंट्स) की कटौती करेगा। जैसे-जैसे अमेरिका से पूंजी निकलकर दूसरी जगह जा रही है, भारत एक बड़े इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के तौर पर उभर रहा है, जिसे मजबूत हालातों से फायदा मिल रहा है। हालांकि, अगर इस साल के अंत में अमेरिका में रेट कट तेजी से होता है, तो भारत का आकर्षण थोड़ा कम हो सकता है। फिलहाल, ग्लोबल निवेशक भारत को पूंजी के लिए सबसे आकर्षक जगहों में से एक मान रहे हैं, जहां स्थिर और लंबी अवधि के ग्रोथ के मौके हैं।