मध्यप्रदेश:– दिवाली रोशनी, खुशियों और उत्सव का पर्व है. इस दिन हर घर दीपों से जगमगाता है और लोग पटाखों के साथ जश्न मनाते हैं. हालांकि, इसी उत्साह के बीच जरासी लापरवाही बड़ा हादसा बन सकती है.
आंकड़ों से समझिए खतरा:
दिल्ली अग्निशमन विभाग के अनुसार, वर्ष 2023 में सिर्फ दिवाली के दिन 200 से ज्यादा आग की घटनाएं दर्ज की गईं. वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट बताती है कि 2002 से 2010 के बीच दिल्लीएनसीआर में पटाखों से जुड़ी चोटों में लगातार वृद्धि हुई. दिवाली के तीन दिनों में 1,300 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें अधिकतर 5 से 30 वर्ष के थे. ये आंकड़े बताते हैं कि पटाखे जलाते समय सतर्कता कितनी जरूरी है.
पटाखों से होने वाले खतरे
आग लगना या जलने का खतरा
आंखों में चिंगारी जाने की संभावना
तेज आवाज से कानों को नुकसान
हृदय और सांस से जुड़ी बीमारियों वाले लोगों पर दुष्प्रभाव
जानवरों व पक्षियों के घायल होने की आशंका
धुएं से अस्थमा और फेफड़ों पर असर
पटाखे जलाते समय आम लापरवाहियां
बंद कमरे या बालकनी में आतिशबाजी करना
सिंथेटिक या ढीले कपड़े पहनना
गाड़ियों, पेट्रोल या परफ्यूम जैसी ज्वलनशील चीजों के पास पटाखे जलाना
छोटे बच्चों को बिना निगरानी के छोड़ देना
खराब या पुराने पटाखे जलाना
दिवाली पर 12 जरूरी सावधानियाँ
- पटाखे हमेशा लाइसेंस प्राप्त दुकान से खरीदें.
- पैकेट पर लिखे निर्देश ध्यान से पढ़ें.
- खुले स्थान पर ही आतिशबाजी करें.
- पास में पानी की बाल्टी या रेत रखें.
- फर्स्ट एड किट तैयार रखें.
- कॉटन के कपड़े पहनें.
- ईयरप्लग का इस्तेमाल करें.
- बिजली के खंभों या गाड़ियों से दूर रहें.
- हाथ में पकड़कर पटाखा न जलाएं.
- बुझ चुके पटाखों को दोबारा जलाने की कोशिश न करें.
- बच्चों को अकेले पटाखे न जलाने दें.
- इकोफ्रेंडली दिवाली मनाएं और प्रदूषण से बचें. अगर पटाखे से जल जाएं तो क्या करें?
जली हुई जगह को तुरंत 10 मिनट तक ठंडे पानी में रखें.
बर्फ या टूथपेस्ट का प्रयोग न करें.
साफ कपड़े से हल्का दबाव दें.
घाव पर एलोवेरा जेल या बर्न क्रीम लगाएं.
गंभीर चोट होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
फर्स्ट एड किट में क्या रखें? एंटीसेप्टिक क्रीम सोफ्रामाइसिन, बीटाडिन
बर्न क्रीम बरनॉल
डेटॉल या सेवलॉन
पट्टी, रूई, बैंडेज और कैंची
दर्द निवारक दवा
दस्ताने
आंख में चोट लगने पर
आंखों को साफ पानी से धोएं.
किसी चीज से न रगड़ें.
दर्द या सूजन बढ़ने पर तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करें.
बुजुर्ग और मरीज क्या करें?
हाई बीपी, हृदय रोग, अस्थमा या सांस की समस्या वाले लोग धुएं से दूर रहें. घर के अंदर रहें, मास्क पहनें और एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।