नई दिल्ली:– कार्तिक मास में भगवान शालिग्राम का विवाह किया जाता है। यह किस दिन करना चाहिए , क्या सिर्फ एकादशी के दिन करना चाहिए या फिर पूर्णिमा को भी क सकते हैं, अगर आप इसको लेकर कंफ्यूज हैं, तो आपको बता दें कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में तुलसी जी का
कार्तिक मास में भगवान शालिग्राम का विवाह किया जाता है। यह किस दिन करना चाहिए , क्या सिर्फ एकादशी के दिन करना चाहिए या फिर पूर्णिमा को भी कर सकते हैं, अगर आप इसको लेकर कंफ्यूज हैं, तो आपको बता दें कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में तुलसी जी का विवाह किया जाता है। देवउठनी एकादशी पर तुलसी का विवाह करते हैं। दरअसल भगवान श्रीहरि चार महीने , जिन्हें चातुर्मास कहा जाता है, शयन के लिएचले जाते हैं, इस समय संसार का कार्यभार भगवान शिव उठाते हैं। भगवान विष्णु आषाढ़ शुक्लपक्ष एकादशी को चार महीने के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं फिर कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी को भगवान विष्णु योग निद्रा से उठते ही शुभ कार्यों में वृद्धि हो जाती हैं। विवाह मुहूर्त आदि की शुरुआत हो जाती हैं। इसे देव प्रबोधिनी एकादशी नाम से जाना जाता है।
इस साल 2 नवंबर को एकादशी के दिन तुलसी विवाह आयोजित किया जाएगा। स्कंदपुराण में कहा गया है कि कार्तिक मास की शुक्ल नवमी, जिसे आंवला नवमी कहते हैं, इस दिन द्वापर युग शुरू हुआ था। इस दिन आंवले के नीचे भोजन बनाकर ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए। इसके बाद एकादशी के दिन तुलसीके विवाह का आयोजन करे तो उसे कन्यादान का फल होता है। पूर्वकाल में कनक की पुत्री किशोरी ने एकादशी तिथि के दिन शाम को तुलसी के विाह को संपन्न किया किया था, जिससे वह किशोरी वैधव्य दोष से मुक्त हो गई। इसलिए इस दिन जिन कन्याओं का विवाह ना हो रहा हो, उन्हें भी तुलसी विवाह का उत्सव करना चाहिए।
