
प्रभारी सचिव ने धान खरीदी केंद्रों के निरीक्षण के दौरान मौजूद किसानों से भी बातचीत की और धान खरीदी की व्यवस्थाओं के बारे में उनका रूख जाना। उपस्थित किसानों ने बताया कि टोकन के लिए पटवारी के उत्पादन प्रमाण पत्र की व्यवस्था को खत्म कर कलेक्टर ने किसानों को बड़ी राहत दे दी है। अब किसान सीधे समिति में आकर धान बेचने के लिए टोकन कटा रहे हैं। प्रभारी सचिव ने कनकी के किसान नर्मदा शंकर राजवाड़े से धान खरीदी की व्यवस्थाओं के बारे में पूछा। उन्होंने किसान द्वारा खरीफ तथा रबी सीजन में ली जाने वाली फसलों बारे में किसान राजवाड़े से जानकारी ली। किसान ने प्रभारी सचिव को बताया कि धान खरीदी की व्यवस्थाओं में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं है। खरीदी केंद्र में किसानों के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई है। टोकन भी आसानी से मिल रही है जिससे किसानों को अपने उपार्जित धान को समर्थन मूल्य पर बेचने में आसानी हो रही है। प्रभारी सचिव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों को धान बेचने में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।

खरीदी केंद्र में सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संचालित हो।अंबलगन ने पोंड़ी उपरोड़ा धान उपार्जन केंद्र में किसान श्री राम नारायण से भी बात की। उन्होंने किसान से इस वर्ष खरीफ सीजन मंे हुई उपज की जानकारी ली। प्रभारी सचिव ने किसान सेे खरीदी केंद्र तक धान को लाने की व्यवस्थाओं के बारे में भी पूछा। रामनारायण ने प्रभारी सचिव को बताया कि लगभग दो एकड़ में धान की खेती करते हैं। खलिहान से खरीदी केंद्र तक ट्रेक्टर में धान लाते हैं। धान खरीदी केंद्र में तौलाई की कोई समस्या नहीं है। टोकन भी आसानी से कट रहा है। इसके साथ ही बारदाने के लिए भी किसी प्रकार की परेशानी क्षेत्र के किसानों को नहीं है। समिति में अभी पर्याप्त मात्रा में बारदाने उपलब्ध हैं। किसान श्री रामनारायण ने बताया कि किसानांे के पुराने जूट बारदानो का दाम भी सरकार ने 18 रूपये से बढ़ाकर 25 रूपये कर दिया है इससे अब किसान भी अपने बारदानों में धान बेचने की तैयारी कर रहेेेेेेेे हैं। रामनारायण ने धान बेचने में किसी भी प्रकार की असुविधा या परेशानी से इंकार करते हुए शासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं पर संतोष जताया।