रवि गोस्वामी
सरगुजा, 10 दिसंबर। सीतापुर विकासखण्ड के ps/ms स्कूलों में मध्याह्न भोजन संचालित संचालित करने वाले समूह की अध्यक्ष एवं सचिव,सभी स्कूलों के प्रधानपाठकों व सभी संकुलों के संकुल समन्वयकों की बैठक कन्या हाई स्कूल के सभाकक्ष में mdm के संभागीय कार्यक्रम निरीक्षक योगेंद्र तिवारी के मुख्य अतिथि व विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी मिथिलेश सिंह सेंगर की अध्यक्षता में आयोजित की गई। सर्व प्रथम समावेशी शिक्षा की BRP मीना गुप्ता ने सभी स्कूलों के बच्चों में 21 प्रकार की दिव्यांगता का पुनः आंकलन कर सूची 15 दिसम्बर तक BRC में जमा करने व 20 दिसम्बर को जनपद पंचायत सीतापुर में दिव्यांग प्रमाणपत्र बनाने हेतु लगने वाले शिविर जिसमे दिव्यांगजनों का यू डी आई डी कार्ड भी बनने की जानकारी दी। अम्बिकापुर से सम्भागीय कार्यक्रम निरीक्षक योगेंद्र तिवारी के आने के पूर्व बैठक में उपस्थित सभी mdm समूह की अध्यक्ष व सचिव तथा सभी प्रधानपाठकों व संकुल समन्वयकों को संबोधित करते हुए विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सीतापुर मिथिलेश सिंह सेंगर ने कहा कि शिक्षकों की समय पर शाला में उपस्थिति व पूरे समय ठहराव के साथ -साथ सभी स्कूलों में विद्यालय परिसर व कक्षाकक्ष की साफ सफाई बहुत जरूरी है।कुछ स्कूलों में अनावश्यक अनुपयोगी सामग्री मुझे शाला निरीक्षण के समय देखने को मिला है जो कि बिलकुल भी ठीक नहीं है।विद्यालय का परिसर एवम कक्ष वैसा ही होना चाहिए जैसा कि आप का अपना घर होता है। विद्यालय में 3-4 शिक्षक होकर भी विद्यालय को कुछ शिक्षक कबाड़ बनाकर रख देते है जिसको बिलकुल भी बर्दास्त नहीं किया जा सकता है।कुल शिक्षकों का 10 प्रतिशत शिक्षकों के लापरवाही के कारण पूरा विकासखंड की छवि धूमिल होती है। विकासखंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा अवगत कराया गया कि शिक्षकों के मेहनत की बदौलत ही सीतापुर विकासखंड शिक्षा के क्षेत्र में अव्वल रहा है । सीतापुर से इस वर्ष नवोदय विद्यालय की परीक्षा में 32 छात्रों ने सफलता अर्जित किए है इसी प्रकार सैनिक स्कूल में 02 छात्र,प्रयास विद्यालय में अनारक्षित एवम पिछड़ा वर्ग से बालक एवम बालिकाएं पूरे छत्तीसगढ़ में टाप किए हैं।

इसी प्रकार से एकलव्य एवम जवाहर उत्कर्ष विद्यालयों में काफी संख्या में छात्र एवम छात्राओं का चयन हुआ है।उन्होंने अंत में सभी शिक्षकों को अवगत कराया कि पिछला 2 वर्ष कोविड के कारण छात्रों की पढ़ाई जीरो हो गया था जिसकी भरपाई भी आप सबको मेहनत कर पूर्ण करना है। सभी संस्था प्रमुख smc की बैठक आयोजित कर व सरपंच की उपस्थिति में अनुपयोगी सामग्री को सूचीबद्ध कर प्रस्ताव पास कर रिकार्ड से हटा देवें।स्कूलों में कक्षा अध्यापन के दौरान नियमित शुध्धलेखन हिंदी व अंग्रेजी दोनो में करावें व सहायक शिक्षण सामग्री का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करें जिससे बच्चे विषयवस्तु को अच्छे से समझ सके।बैठक को mdm के संभागीय कार्यक्रम निरीक्षक योगेंद्र तिवारी ने संबोधित करते हुए कहा कि मध्यान्ह भोजन स्कूलों में पकाकर बच्चों को खिलाने के पूर्व रसोइयों का व रसोईघर की साफ सफाई बहुत आवश्यक है।समूह के सदस्यों का दायित्व है कि वे अपने आप को मात्र शाला में mdm सामग्री प्रदायकर्ता तक न समझे बल्कि सप्ताह में दो तीन दिन स्कूलों में जाकर बच्चों व शिक्षको से मिलकर मध्यान भोजन कैसा बन रहा है व बच्चों को कैसे मिल रहा है यह भी देखें।रसोइयां कहना बनाने के पूर्व साबुन से नियमित हाथ धोवें व साफ सफाई से mdm बन रहा है यह सभी प्रधानपाठक नियमित सुनिश्चित किया करें।मध्यान भोजन स्कूलों में अच्छे से बने व बच्चों को गुणवत्तापूर्ण गरमागरम भोजन मिले यह बहुत महत्वपूर्ण है ।शासन का पूरा ध्यान कोविद नियमो का पालन करते हुए स्कूलों में बच्चों को mdm उपलब्ध कराना है जिसे सभी मिलकर ही पूर्ण कर सकते है। कार्यक्रम के अंत में कुछ प्रधानपाठकों ने mdm संचालित करने में आने वाली परेशानियों की ओर संभागीय कार्यक्रम निरीक्षक का ध्यान आकृष्ट किया, जिसपर उन्होंने शासन स्तर पर बात पहुचाने का आश्वासन दिया।