प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा कि हजारों साल से राष्ट्र है। राष्ट्र कोई सत्ता का साधन नहीं है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी व अन्य नेताओं पर भी व्यंग्य कसे। अपने भाषण के दौरान PM ने विष्णुपुराण का एक श्लोक भी पढ़ा। वो श्लोक ये है…
‘उत्तरं यत् समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणम्।
वर्षं तद् भारतं नाम भारती यत्र सन्ततिः ।।
अर्थ- समुद्र के उत्तर में और हिमालय के दक्षिण में जो देश है उसे भारत कहते हैं तथा उनकी संतानों को भारती कहते हैं।
विष्णु पुराण का संक्षिप्त परिचय
विष्णु पुराण अट्ठारह पुराणों में से एक है। इस पुराण में भगवान विष्णु की महिमा बताई गई है। साथ ही, इसमें हमें सुखी जीवन के लिए सूत्र भी मिलते हैं। जिनका ध्यान रखने पर हम परेशानियों से और पाप कर्मों से बच सकते हैं। इस पुराण में आकाश, समुद्र, सूर्य, पर्वत, देवता आदि की उत्पत्ति, मन्वन्तर, कल्प, धर्म और देवर्षि आदि के बारे में विस्तार से बताया गया है। विष्णु पुराण में मुख्य रूप से श्रीकृष्ण के चरित्र का भी वर्णन किया है। साथ ही, श्रीराम कथा का उल्लेख इसमें मिलता है।
लाइफ मैनेजमेंट: मेहमानों से किस बारे में नहीं पूछना चाहिए?
गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित विष्णु पुराण में बताया गया है कि हमें मेहमानों से कौन-कौन बातें नहीं पूछनी चाहिए। यहां जानिए ये बातें कौन-कौन सी हैं…
- जब भी कोई अतिथि घर आए तो उससे उसकी शिक्षा के विषय में बात नहीं करनी चाहिए। अगर कोई व्यक्ति कम पढ़ा-लिखा है तो उसे ये बताने में असुविधा हो सकती है।
- मेहमान से उसकी गौत्र या जाति के विषय में नहीं पूछना चाहिए। इस बात से व्यक्ति असहज हो सकता है, उसे जाति बताने में परेशानी हो सकती है।
- घर आए अतिथि से उसकी कमाई की बात भी नहीं पूछनी चाहिए। यदि उसकी कमाई हमारी तुलना में कम होगी तो वह शर्मिदा हो सकता है।
किन लोगों को खाने के बाद ही स्वयं भोजन करना चाहिए?
- विवाह के बाद लड़की अपने पिता के घर आए तो अतिथि समझ कर उसे पहले प्रेम से भोजन करवाना चाहिए। यही शिष्टाचार है।
- कोई दुखी मनुष्य आपके घर भोजन के लिए आए तो उसे निराश न करें। स्वयं भोजन करने से पहले उसे भोजन करवाना चाहिए।
- गर्भवती स्त्री को गर्भ में पल रहे शिशु के लिए अतिरिक्त पोषण की आवश्यकता होती है। इसलिए पहले उसे भोजन करवाना चाहिए।
- बड़े लोग तो भूख पर नियंत्रण कर लेते हैं, लेकिन छोटे बच्चे ऐसा नहीं कर पाते। इसलिए पहले उन्हें ही भोजन करवाना चाहिए।
- वृद्ध सम्मानीय होते हैं। इन्हें किसी भी तरह की परेशानी न हो इसके लिए स्वयं भोजन करने से पहले इन्हें भोजन करवाएं।