जनवरी का महंगाई का आंकड़ा बताता है कि आने वाले दिन बजट बिगाड़ने वाले होंगे. इस साल जनवरी में खुदरा महंगाई 6.01 परसेंट तक पहुंच गई जो कि पिछले 10 महीने का उच्चतम स्तर है. रिजर्व बैंक (RBI) ने महंगाई की लिमिट 6 फीसदी तय की थी, लेकिन जनवरी महीना उससे भी आगे निकल गया. आप घर का सामान लेते हैं तो पता होगा कि कुछ आइटम सस्ते हुए तो कुछ महंगे हो गए हैं. जिसकी जैसी जरूरत वैसी महंगाई. चालव, आटा, आलू और प्याज खरीदनों वालों को कुछ राहत दिखेगी क्योंकि इनके रेट गिरे हैं. लेकिन तेल और विस्कुट खरीदने वालों को महंगाई चुभेगी क्योंकि कंपनियों ने इन सामानों पर सरपट रेट बढ़ाए हैं.
दिसंबर की तुलना में अभी टमाटर के रेट नरम हैं. दिसंबर में 100 रुपये के पार पहुंचा टमाटर अब 25-30 रुपये किलो बिक रहा है. कड़वा तेल या सरसों तेल के दाम में हल्की गिरावट है मगर पिछले महीने से अब भी 18 परसेंट अधिक चल रहा है. दिसंबर-जनवरी महीने में गेहूं और चावल के रेट बढ़े थे जो अब गिरावट में हैं. पिछले साल से तुलना करें तो कई आइटम के रेट अभी तेज बने हुए हैं. अंडे, मीट और मछली के दाम पिछले साल से अधिक चल रहे हैं.
क्या सस्ता और क्या महंगा
‘ब्लूमबर्ग‘ की एक रिपोर्ट बताती है कि मासिक आधार पर देखें तो दाल के दाम में 0.3 परसेंट, आलू में 13.2 परसेंट, टमाटर में 30 परसेंट, मीट और मछली में 0.1 परसेंट, तेल में 1.5 परसेंट तक के गिरावट देखे गए हैं. कोरोना संक्रमण खत्म होने के बाद और जिंदगी कोविड से पहले वाले दौर में लौटने के चलते पेट्रोल, डीजल, एलपीजी और केरोसीन के रेट में तेजी देखी जा रही है. एक साल की तुलना में इस साल पेट्रोल में 16.7 परसेंट और डीजल में 12.6 परसेंट की बढ़ोतरी देखी जा रही है. एक साल में एलपीजी में 25 परसेंट और केरोसीन में 18 परसेंट तक की बढ़ोतरी हुई है.
जूते-चप्पल हो गए महंगे
कपड़े और जूते-चप्पल भी महंगे हुए हैं. पिछले एक साल में कपड़ों और जूते आदि के दाम में 8 परसेंट से अधिक की बढ़ोतरी देखी गई है. हाल के वर्षों में इन चीजों की महंगाई अभी सबसे अधिक है. जनवरी 2021 में कपड़े और जूते-चप्पल की महंगाई दर 3.8 परसेंट थी. उसके बाद अगले 9 महीने तक इन चीजों की कीमतें लगातार बढ़ती गई हैं. इन सामानों की महंगाई शहरों से अधिक ग्रामीण इलाकों में हैं. ग्रामीण इलाकों में कपड़े और जूते-चप्पल पहले से 10 परसेंट तक महंगे हुए हैं. एक साल की तुलना में गोल्ड और चांदी के रेट गिरे हैं. सोने में 3.4 परसेंट और चांदी में 4.2 परसेंट की गिरावट आई है.
शहरी गरीब सबसे परेशान
सबसे अधिक प्रभावित शहरी गरीब हुए हैं. वैसे लोग जिनकी आमदनी कम है लेकिन खर्च अधिक है. शहरी गरीबों को जनवरी में सबसे अधिक महंगाई झेलनी पड़ी है. दिसंबर में 6.2 परसेंट महंगाई थी जो जनवरी में बढ़कर 6.3 परसेंट हो गई. शहरी अमीरों को इससे कोई नुकसान नहीं दिखा क्योंकि उनकी महंगाई दर 5.9 परसेंट पर स्थिर रही. शहरी अमीरों की आबादी 20 परसेंट के आसपास है. ग्रामीण इलाकों में रहने वाले अमीरों को भी महंगाई ने सबसे अधिक परेशान किया है.