रायपुर ,आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर की पहल पर राज्य सरकार ने भू–स्वामी और किराएदार के हितों में अहम फैसला लिया है। प्रदेश में नगर निगमों की तर्ज पर नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों को भी अब छत्तीसगढ़ भाड़ा नियंत्रण अधिनियम का लाभ मिलेगा। इस मामले में छत्तीसगढ़ राजपत्र में अधिसूचना भी प्रकाशित कर दी गई है। भाड़ा नियंत्रण अधिनियम के तहत नगर पालिका एवं नगर पंचायतों में प्रत्येक जिले के डिप्टी कलेक्टर स्तर के अफसर भाड़ा नियंत्रक के रूप में नियुक्त होंगे।
उनका कार्यक्षेत्र कलेक्टर निर्धारित करेंगे।प्रदेश में अब भू–स्वामी और किरायेदारों के बीच विवाद को जल्द सुलझाने के लिए छत्तीसगढ़ भाड़ा नियंत्रण अधिनियम-2044 का फायदा अब नगर पालिका, नगर पंचायतों को भी मिलने जा रहा है। आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के तहत लिए गए इस महत्वपूर्ण फैसले से भू–स्वामियों और किरायेदारों को बड़ी राहत मिलेगी। वे अपने–अपने हक को सुरक्षित रख पाएंगे। राज्य शासन ने विवादों को सुलझाने यह अधिनियम बनाया है।
पहले अधिनियम दो हिस्सों में बंट गया था। 2077 में लागू होते ही नगर निगम में प्रभावी हो गया। जबकि छोटे स्थानों नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों के लिए राज्य शासन की ओर से कोई अधिसूचना राजपत्र में नहीं थी। इसके चलते वहां के लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। वहीं वे अपने हक के लिए परेशान हो रहे थे। इसे मद्देनजर रखते हुए राज्य सरकार ने इसे नगर पालिका और नगर पंचायतों में भी लागू करने की अधिसूचना प्रकाशित कर दी है।