जयपुर :– सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, सवाई मान सिंह (SMS) में रविवार देर रात उस वक्त चीख-पुकार और अफरा-तफरी मच गई, जब ट्रॉमा सेंटर की दूसरी मंजिल पर स्थित आईसीयू वार्ड आग की लपटों में घिर गया। इस दर्दनाक हादसे में 6 मरीजों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। आग लगने की वजह शुरुआती तौर पर शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है। घटना की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा खुद मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। 5 घायल मरीजों में से 2 की और मौत हो गई अब मरने वालों की संख्या 8 पहुंच गई है।
अचानक लगी आग ने पूरे अस्पताल परिसर में हड़कंप मचा दिया। दमकल विभाग की लगभग एक दर्जन गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाने का काम शुरू किया। पुलिस, अस्पताल प्रशासन और दमकलकर्मियों के संयुक्त प्रयासों से आईसीयू में फंसे मरीजों को बाहर निकालने का काम तेजी से किया गया। इस दौरान कुल 18 मरीजों को सुरक्षित दूसरे वार्डों में शिफ्ट किया गया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। शिफ्ट किए गए मरीजों में से भी करीब पांच की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है और कुछ को जलने की चोटें भी आई हैं।
कैसे एक चिंगारी बन गई मौत का सबब
ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि आग की शुरुआत एक मामूली शॉर्ट सर्किट से हुई, लेकिन देखते ही देखते इसने पूरे आईसीयू को अपनी चपेट में ले लिया। जहरीले धुएं ने स्थिति को और भी भयावह बना दिया। उन्होंने बताया कि जिस वक्त यह हादसा हुआ, उस समय ट्रॉमा आईसीयू में 11 और पास के सेमी-आईसीयू में 13 मरीज भर्ती थे। डॉ. धाकड़ के अनुसार, ज्यादातर मरीज पहले से ही गंभीर हालत में थे और कुछ कोमा में थे, जिस वजह से आग और जहरीली गैस के कारण उनकी हालत तेजी से बिगड़ गई।
मुख्यमंत्री मौके पर, उच्च-स्तरीय जांच के आदेश
घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा देर रात ही अस्पताल पहुंच गए और अधिकारियों को हर संभव मदद और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने इस पूरी घटना पर गहरा दुख जताते हुए एक उच्च-स्तरीय जांच कमेटी गठित करने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री के साथ चिकित्सा शिक्षा सचिव अंबरीश कुमार, पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ और SMS मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी समेत कई बड़े अधिकारी भी मौजूद रहे। राज्य के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा भी घटनास्थल पर पहुंचे और बचाव कार्यों में मदद की।