उत्तर प्रदेश:- अलीगढ़ के बाद अब शाहजहांपुर से एक और अजब-गजब प्रेम कहानी सामने आई है जिसने सबको चौंका दिया है। यहाँ एक 45 वर्षीय विधवा महिला अपनी बेटी के लिए दूल्हा खोजने निकली थी लेकिन खुद ही दामाद के प्रेम में पड़कर उससे विवाह कर लिया। इस अनोखी शादी में सबसे खास बात यह रही कि बेटी ने ही अपनी माँ का पूरा साथ दिया और उन्हें नई जिंदगी की शुरुआत के लिए शुभकामनाएँ भी दीं। शादी की खबर जब गाँव पहुँची तो पूरे इलाके में हड़कंप मच गया और यह प्रेम प्रसंग अब चर्चा का विषय बना हुआ है।
कैसे शुरू हुई ये प्रेम कहानी
यह मामला बंडा के देवकली अंतर्गत रंमस्तपुर क्षेत्र का है। महिला के पति का निधन तीन साल पहले हो चुका था और तब से वह अपनी बेटी के साथ अकेली रह रही थीं। बेटी अब विवाह योग्य हो चुकी थी ऐसे में महिला उसके लिए योग्य वर की तलाश में थी। कई जगहों पर रिश्ते देखे गए लेकिन बात नहीं बनी।
इसी सिलसिले में महिला शाहजहांपुर के निकट एक गाँव में रिश्ते के लिए गई थीं जहाँ एक युवक उन्हें अपनी बेटी के लिए उपयुक्त लगा। उन्होंने उस युवक से बेटी का रिश्ता तय कर दिया। इसके बाद महिला ने युवक का मोबाइल नंबर ले लिया और दोनों में फोन पर संपर्क शुरू हो गया। धीरे-धीरे यह संपर्क दोस्ती में और फिर गहरे प्रेम में बदल गया।
बेटी ने दिया माँ का साथ, मंदिर में हुई शादी
इस दौरान महिला खुद ही युवक से विवाह की बात करने लगी। हैरत की बात यह रही कि युवक ने भी बिना किसी हिचक के विवाह के लिए हाँ कर दी। जब महिला ने अपनी बेटी को पूरी सच्चाई बताई तो बेटी ने अपनी माँ की भावनाओं को समझते हुए उसका साथ देने का फैसला लिया। उसने खुद अपनी माँ को इस रिश्ते और विवाह के लिए प्रेरित किया। इसके बाद चार दिन पहले दोनों ने शाहजहांपुर के एक मंदिर में वरमाला डालकर विवाह कर लिया।
गाँव में मचा हड़कंप, समाज में बहस तेज
शादी के बाद जब यह नया जोड़ा गाँव पहुँचा तो ग्रामीण भी हैरान रह गए। किसी को यकीन नहीं हो रहा था कि शादी के लिए निकली महिला खुद ही दुल्हन बनकर लौटेगी। हालाँकि कुछ लोगों ने इस रिश्ते को समाज की मान्यताओं से इतर बताया और इसे लेकर आपत्ति जताई। वहीं कई लोग इसे महिला की हिम्मत और एक साहसिक निर्णय बता रहे हैं जिसने समाज की पुरानी सोच को चुनौती दी है। यह प्रेम कहानी अब पूरे शाहजहांपुर और आसपास के क्षेत्रों में चर्चा का विषय बनी हुई है।