रायपुर:– इस बार शारदीय नवरात्रि का पर्व 22 सितंबर 2025 से शुरू हो रहा है. नौ दिनों तक भक्त मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना करेंगे. शक्ति की उपासना का यह महापर्व भक्तों के लिए सुख, शांति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार माता दुर्गा गज यानी हाथी पर सवार होकर आ रही हैं. गज पर आगमन का अर्थ है खुशहाली, सम्पन्नता और घर-परिवार में सुख-शांति का आगमन. मान्यता है कि गज पर सवार होकर आने से वर्षभर सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे. इस बार का शारदीय नवरात्रि न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से, बल्कि ग्रह-नक्षत्रों की दृष्टि से भी अत्यंत शुभ माना जा रहा है. मां का गज पर आगमन हर परिवार में खुशहाली का संकेत माना जा रहा है, जिससे भक्तों में खासा उत्साह है.
विशेष योगों का संयोग
29 सितंबर तक चलने वाले इस नवरात्रि पर्व पर कई शुभ योग बन रहे हैं. महालक्ष्मी योग, शुभ ग्रह संयोग और अमृत सिद्धि योग इसे और विशेष बना रहे हैं. इन योगों को व्यापार, गृह शांति और मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है.
नौ दिनों की आराधना
नवरात्रि के प्रत्येक दिन मां दुर्गा के एक विशेष स्वरूप की पूजा होती है.
प्रथम दिवस – शैलपुत्री
द्वितीय दिवस – ब्रह्मचारिणी
तृतीय दिवस – चंद्रघंटा
चतुर्थ दिवस – कूष्मांडा
पंचम दिवस – स्कंदमाता
षष्ठम दिवस – कात्यायनी
सप्तम दिवस – कालरात्रि
अष्टम दिवस – महागौरी
नवम दिवस – सिद्धिदात्री
हर दिन विशेष रंग और पूजन विधि का महत्व होता है।