नई दिल्ली:- बहुत से लोग सोचते हैं कि यह 60 या 70 साल की उम्र में शुरू होता है. लेकिन बुढ़ापा 60 या 70 साल की उम्र में शुरू नहीं होता, यह एक सतत प्रक्रिया है जो जीवन के अलग-अलग समय पर अलग-अलग लोगों में अलग-अलग गति से शुरू होती है. एक नए अध्ययन ने इसके बारे में कुछ रोचक तथ्य उजागर किए हैं. “सेल” पत्रिका में प्रकाशित इस रिसर्च में पाया गया है कि बुढ़ापा 34 साल की उम्र से ही शुरू हो सकता है, कुछ शोधकर्ताओं ने इसका एनालिसिस किया है.
इस रिसर्च में, वैज्ञानिकों ने चीन में 14 से 68 साल की आयु के लगभग 70 लोगों के टिशूज का विश्लेषण किया. जिसमें उन्होंने पाया कि बुढ़ापा एक क्रमिक प्रक्रिया है, जो विभिन्न ऑर्गन और सिस्टम्स में अलग-अलग समय पर शुरू होती है. कुछ लोगों में, यह 34 साल की उम्र में ही शुरू हो सकता है, जबकि अन्य में यह बाद में शुरू भी हो सकता है.
उम्र बढ़ने की प्रक्रिया कब तेज हो जाती है
शोध के अनुसार, 45 से 55 वर्ष की आयु के बीच उम्र बढ़ने की प्रक्रिया तेज हो जाती है और इसका सबसे ज्यादा असर ब्लड वेसेल्स पर पड़ता है. कोशिकाओं में mRNA निर्देशों द्वारा बनने वाले प्रोटीन, उम्र बढ़ने के साथ-साथ कम बनते जाते हैं. यह उम्र बढ़ने की शुरुआत का संकेत है. वैज्ञानिकों ने हार्ट, लिवर, पैंक्रियाज, फेफड़े, त्वचा और मांसपेशियों सहित शरीर के कई अंगों का परिक्षण किया, जिसमें उन्होंने पाया कि प्रत्येक अंग की उम्र अलग-अलग दर से बढ़ती है.. प्लीहा (पेट में तिल्ली ), Adrenal Glands और महाधमनी जैसे अंगों में 30 वर्ष की आयु से ही उम्र बढ़ने के लक्षण दिखाई देने लगे थे. विशेष रूप से, 45 और 55 वर्ष की आयु के बीच महाधमनी में प्रोटीन के स्तर में बड़े बदलाव देखे गए.
अच्छी आदतें स्वस्थ जीवन की ओर ले जाती हैं
न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर नेविल संजना ने कहा कि यह शोध अंगों की उम्र बढ़ने के लिए एक सुंदर रोडमैप प्रदान करता है. विशेषज्ञों का कहना है कि ये निष्कर्ष उम्र से संबंधित बीमारियों के नए उपचार खोजने में मदद करेंगे. उन्हें उम्मीद है कि ये उपचार लोगों को लंबा और स्वस्थ जीवन जीने में मदद करेंगे. यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास मेडिकल ब्रांच के प्रोफेसर डॉ. थॉमस ब्लैकवेल ने कहा कि 45 से 50 वर्ष की आयु के बीच किसी व्यक्ति द्वारा लिए गए छोटे निर्णय और जीवनशैली में बदलाव उसे अगले 10 वर्षों तक स्वस्थ रहने में मदद कर सकते हैं.
उन्होंने सुझाव दिया कि अच्छा खाना, एक्टिव रहना, ब्लड प्रेशर, शुगर, कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करना और कम शराब पीना जैसे छोटे-छोटे बदलाव काफी मददगार साबित हो सकते हैं