नई दिल्ली:– चीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में लगातार बड़े कदम बढ़ा रहा है। अलीबाबा के सीईओ एडी वू ने हांगझोउ में आयोजित एक सम्मेलन में ऐलान किया है कि उनकी कंपनी अब आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) और आर्टिफिशियल सुपरइंटेलिजेंस (ASI) पर काम करेगी। AI पहले इंसानों जितना समझदार बनेगा, जिसे AGI कहा जाएगा। फिर उससे भी कहीं ज्यादा तेज होगा, जिसे ASI कहा जाएगा। इसका मतलब है कि आने वाले टाइम में AI इंसानों से कहीं ज्यादा समझदार और तेज होने वाला है। यह अमेरिका के लिए भी झटका है, क्योंकि चीन रोजमर्रा के AI के साथ-साथ बड़े-बड़े AI प्रोजेक्ट्स पर भी काम कर रहा है। अमेरिका से मुकाबले के लिए चीन का ‘सुपरइंटेलिजेंस’ प्लान तैयार हो गया है।
क्या बोले अलीबाबा के सीईओ?
एनबीसी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, अलीबाबा के सीईओ ने अपने 23 मिनट के भाषण में बताया कि उनकी कंपनी अब AI को एक नए स्तर पर ले जाना चाहती है। उन्होंने कहा कि AGI का आना अब तय है, लेकिन यह AI का अंत नहीं बल्कि शुरुआत है। ASI के जरिए तकनीक में तेजी से बदलाव आएंगे। यह नई तकनीक बीमारियों का इलाज खोजेगी, स्वच्छ ऊर्जा के स्रोत खोजने और अंतरिक्ष यात्रा को संभव बनाने में मदद कर सकती है।
चीन और अमेरिका में प्रतिस्पर्धा
अमेरिका और चीन दोनों ही AI के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं। दोनों के पास शक्तिशाली कंप्यूटिंग रिसोर्स और रिसर्चर्स हैं। लेकिन अब तक ऐसा माना जाता था कि चीन का ध्यान AI को वास्तविक दुनिया में इस्तेमाल करने पर है, जैसे रोबोटिक्स और अन्य तकनीकों में। दूसरी ओर, अमेरिका AGI और ASI जैसे भविष्य के लक्ष्यों पर ज्यादा ध्यान दे रहा था। लेकिन अलीबाबा के इस ऐलान ने इस धारणा को बदल दिया है। भविष्य में एआई हर क्षेत्र में अपना प्रभाव दिखाएगा। इस प्रभाव से अछूते ना रहें। एआई के क्षेत्र को और गहराई से समझने के लिए
एक्सपर्ट का मानना- चीन बड़े AI प्रोजेक्ट्स पर भी कर रहा फोकस
जॉर्जटाउन के सेंटर फॉर सिक्योरिटी एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी से जुड़े हेलेन टोनर ने कहा कि यह धारणा गलत है कि चीन केवल AI के व्यावहारिक उपयोग पर ध्यान दे रहा है। उन्होंने बताया कि कुछ चीनी रिसरचर और स्टार्टअप पहले से ही AGI और ASI पर काम कर रहे हैं। बता दें कि अमेरिकी कंपनी गूगल के पूर्व CEO एरिक एमर्सन श्मिट ने कहा था कि चीन ऐसे AI पर ज्यादा फोकस कर रहा जो रोजमर्रा के काम कर सके। हालांकि, बाकी विशेषज्ञों ने स्पष्ट कर दिया है कि चीन हर तरह के AI पर फोकस कर रहा है।