
कोरबा निवासी 15 वर्षीय किशोर अमन ज्योति जाहिरे को राज्य वीरता पुरस्कार से नवाजा जायेगा।अपनी जान की परवाह किये बिना डूबते दोस्त की जान बचाई थी।इस वीरता और साहसपूर्ण कार्य के लिए 26 जनवरी के दिन राज्यपाल अनुसूईया उइके सम्मानित करेंगी।राज्य वीरता पुरस्कार 26 जनवरी के दिन राज्य स्तरीय समारोह में प्रदान किया जायेगा। राज्य वीरता पुरस्कार के तहत अमन को 15 हजार रूपये नगद चेक राशि, प्रशस्ति पत्र और चांदी का मेडल प्रदान किया जायेगा। राज्य वीरता पुरस्कार के लिए कोरबा के अमन सहित धमतरी के शौर्य का भी चयन किया है।
दोनों का चयन राज्य वीरता पुरस्कार चयन के लिए अधिकृत नोडल एजेंसी छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद कमेटी के द्वारा किया गया है। इस कमेटी में महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया सहित नेता प्रतिपक्ष और इंटेलिजेंस के पुलिस महानिदेशक शामिल हैं। अमन के पिता ब्रह्म ज्योति जाहिरे पूर्व पुलिसकर्मी हैं। उनके चाचा कमल ज्योति जाहिरे छत्तीसगढ़ शासन में सहायक जनसंपर्क अधिकारी हैं। कमल ज्योति ने जिला जनसंपर्क कार्यालय कोरबा में लगभग सात वर्ष सेवा प्रदान किये। वर्तमान में जनसंपर्क संचालनालय रायपुर में पदस्थ हैं।
अपनी जिंदगी दांव में लगा अमन ज्योति ने बचाई दोस्त की जान-
कोरबा अपने दोस्त को बचाने के लिए अपनी जिंदगी दांव में लगा दी थी। 01 अगस्त 2021 फ्रेंडशिप डे के दिन दोपहर लगभग 02 बजे अपने एक मित्र का जन्मदिन मनाने के लिए कोरबा शहर से 20 किलोमीटर दूर पिकनिक स्पॉट परसाखोला झरना के पास पिकनिक मनाने गए थे। इसी दौरान कक्षा 12 वीं में अध्ययनरत छात्र आशीष ठाकुर, जलप्रपात के किनारे में अपना हाथ-पैर धोने के लिए गया। वहां चट्टान में पैर फिसल कर गिरने के कारण वह पानी के तेज धार में बहने लगा। आगे गहरी खाई होने के कारण उसमें गिरने का खतरा था। खतरनाक फिसलन चट्टान और पानी की तेज धार में आशीष को बहते देख सभी मित्र घबरा गए।
आशीष को तैरना नहीं आता था और वे बचाने के लिए लोगों को पुकारने लगा। अपने से उम्र में बड़ा आशीष को बचाने 15 वर्षीय छात्र अमनज्योति पानी के तेज बहाव में कूद गया। अमन को भी तैरना नहीं आता था, किन्तु वह यह सोचकर कि मित्र को किसी भी तरह बचाने की कोशिश कर लेगा, वह पानी में कूद गया। पानी में चट्टानों के बीच बहते हुए अपने मित्र आशीष को पकड़ लिया। कुछ देर तक आशीष को रोक कर रखे जाने के बाद एक अन्य मित्र दीपांशु के पहुंच जाने से वे दोनों आशीष को किनारे पर ले आए। पानी के तेज बहाव में बहने के कारण आशीष बेहोश हो चुका था।
किनारे पर लाकर उन्होंने आशीष के पेट में भरे पानी को बाहर निकाला। अमन की सूझबूझ एवं साहस से उसके मित्र आशीष की जान बच गई। पानी के तेज बहाव और चट्टानों में टकराने के कारण अमन के हाथ की हड्डी खिसक गई थी। हाथ, पैर, गले और छाती में गहरी चोट भी लगी। सभी मित्र आशीष और अमन को लेकर जिला चिकित्सालय में पहुंचे। यहां उपचार के बाद जब सभी सुरक्षित घर लौटे तो सभी ने अमन के साहसिक कार्यों की प्रशंसा की।