रीवा । जिले के सरकारी कर्मचारियों खासतौर पर बाबुओं की हालत किसी से छुपी नहीं है। कार्यालयों को पीकदान बनाने में आमलोगों से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों का ही योगदान माना जाता है। कुछ बड़े दफ्तरों को छोड़ दिया जाए तो जिले में शायद ही कोई कार्यालय बचा हो जिसकी दीवरों के कोने गुटके व पान की पीकों से लाल न हो चुकी हों। इन समस्याओं को देखते हुए रीवा कलेक्टर मनोज पुष्प ने कड़ा रूख अपनाया है।
कलेक्टर नशामुक्त भारत अभियान जिला स्तरीय समिति बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा समस्त कार्यालय के अधिकारी अपने कर्मचारियों को गुटका,तम्बाकू का सेवन न करने दें। यदि वे गुटका खाते पाये जाते हैं तो कड़ाई से उनसे जुर्माना वसूल किया जाय। उन्होंने कहा जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग के अधिकारी मिलकर गुटका जलाओं अभियान चलाये। जैसे आबकारी विभाग लगातार अवैध शराब एवं महुआ लाहन बेंचने वाले व्यापारियों के विरूद्ध कार्यवाही कर रहा है। अब विभाग के अधिकारी यह भी देखें कि ऐसे व्यापारी अपना व्यापार समाप्त होने के बाद किन गतिविधियों में लिप्त हैं।
गुटखा तंबाकू देने की परंपरा पर भी उठाए सवाल यही नहीं उन्होंने कहा कि इस जिले में परंपरा है कि किसी के घर जाने पर मेहमान को चाय देने के स्थान पर तम्बाकू एवं गुटका खाने के लिए दिया जाता है इसे परिवर्तित करना होगा। अतिथियों को गुटके के स्थान पर एक गिलास पानी पिलाये। समस्त महाविद्यालयों,स्कूल परिसरों के आसपास गुटका, तम्बाकू बेचने वाले गोमतियों को तुरंत हटाया जाय। छात्रों के गुटका खाते पाये जाने पर उनसे जुर्माना वसूला जाय।
शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में गुटका एवं तम्बाकू बहुत ज्यादा प्रचलन में है। इसे पूर्ण रूप से रोकने की आवश्यकता है।इसके प्रचार-प्रसार के लिए जनजागरूता फैलाई जाय गुटका तम्बाकू खाने से मुह का कैंसर हो जाता है। मुह का कैंसर होने पर बहुत अधिक पीड़ा होती है और बीमार व्यक्ति रोते-रोते ही मरता है। अत: जितना हो सके गुटका से बचें।**बैठक में पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन,नगर निगम आयुक्त मृणाल मीणा,एडीशनल एसपी अनिल सोनकर,सामाजिक न्याय विभाग के उप संचालक अनिल दुबे सहित जिला अधिकारी उपस्थित थे।*