
छत्तीसगढ़ में हुई धर्मसंसद की काली जुबान वाला विवाद अभी ठंडा भी नहीं पड़ा कि अब प्रयागराज में एक और ऐसी धर्म संसद हो गई है, जहां पर फिर विवादित बयानों की बौछार कर दी गई है. यति नरसिंहानंद और वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी की रिहाई की तो मांग की ही गई है, देश की सरकार के सामने कुछ बड़े प्रस्ताव भी रखे गए हैं.
पहले प्रस्ताव में धर्म संसद में मौजूद संतों ने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की बात कही है. दूसरे प्रस्ताव में धर्मांतरण के मामलों को पूरी तरह से रोकने के लिए कानून को और सख्त किए जाने की मांग की गई और धर्मांतरण कराने वालों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की गई. तीसरे प्रस्ताव में हरिद्वार धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने वाले स्वामी यति नरसिंहानंद और जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को बिना शर्त जेल से रिहा किए जाने की भी मांग की गई .वही महामंडलेश्वर प्रभुदानंद महाराज ने इस्लामिक धर्म को लेकर अपनी खूब भड़ास निकाली और जिहादी बिल्ली बताते हुए हिंदुओं को कबूतर बता दिया. उनकी तरफ से कहा गया कि जो भी देश विरोधी गतिविधियों में शामिल है और जो हिंदुओं का सम्मान नहीं कर सकते, उन्हें पाकिस्तान या फिर बांग्लादेश चले जाना चाहिए.
हथियार धारण करने की बात
हिंदू करें पांच बच्चे…
शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने धर्म संसद में मांग की है कि उत्तराखंड सरकार बिना शर्त नरसिंघानंद यति और जितेंद्र नारायण त्यागी को एक माह के अंदर तत्काल रिहा करे. ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है. उन्होंने ये भी कहा कि धर्मांतरण करने वालों को फांसी और हिंदुओं को पांच बच्चे पैदा करने चाहिए.