मध्यप्रदेश:- गर्मी में पेट की सेहत बिगड़ने लगती है. पेट की गर्मी, सीने में जलन, सांस लेने में तकलीफ, खट्टी डकार, गैस, अपच, दस्त और कब्ज जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में पेट की गर्मी को बेहतर बनाए रखने के लिए कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए, वरना दिक्कतें बढ़ सकती हैं. पेट की समस्याओं को दूर करने के लिए आयुर्वेद में कुछ घरेलू उपाय बताए गए हैं, जो गर्मी के मौसम में रामबाण साबित हो सकते हैं.
छाछ: गर्मी के मौसम में छाछ पेट के लिए अमृत से कम नहीं है. यह पाचन क्रिया को तेज करने में मददगार होता है. कफ और वात को संतुलित करने का काम करता है. छाछ पीने से पाचन से जुड़ी हर समस्या से निजात मिल सकता है. सूजन, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, भूख की कमी और एनीमिया से भी राहत मिल सकती है.
मिश्री: चीना का सबसे शुद्ध रूप मिश्री का इस्तेमाल आयुर्वेद की कुछ दवाईयां बनाने में की जाती हैं. इसके सेवन से पीसीओएस, मोटापा, ऑटो-इम्यून डिसऑर्डर, आंतों की समस्याएं समाप्त हो सकती हैं.
गाय का घी: वात और पित्त को कम करने में गाय का घी मददगार हो सकता है. इससे पाचन क्रिया तेज होती है और टिशू को पोषण मिलता है, जिससे मांसपेशियां मजबूत बनती हैं. रोजाना गाय के घी के सेवन से याददाश्त बढ़ती है, बाल, त्वचा, प्रजनन क्षमता, इम्यून सिस्टम बेहतर होता है.
चाय: गर्मी के मौसम में जीरा, धनिया और सौंफ से बनी चाय पेट फूलने की समस्या ही नहीं महिलाओं में पीरियड्स दर्द तक को कम कर सकती है. आंत की समस्याओं में भी इसका इस्तेमाल होता है. ब्लड शुगर कंट्रोल करने से लेकर पेट दर्द, मितली और उल्टी में भी यह कारगर मानी जाती है. इसके लिए 1 गिलास पानी में 1 चम्मच जीरा, धनिया और सौंफ डालकर 3-5 मिनट तक उबालकर पिएं. इससे सूजन-गैस की समस्या दूर हो सकती है.
अदरक: आयुर्वेद में पाचन से जुड़ी किसी भी समस्या क दूर करने में अदरक को कारगर माना है. इसका सेवन किसी भी तरह कर सकते हैं. इससे यह मतली, मांसपेशियों में दर्द, खांसी-जुकाम, गले में खराश, एक्स्ट्रा फैट, पेट फूलना, अपच, सूजन कम होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं.