मध्यप्रदेश:– दीवाली खुशियों और रौशनी का त्योहार है, लेकिन पटाखों से होने वाला प्रदूषण अस्थमा के मरीजों के लिए बहुत घातक हो सकता है. ऐसे में जरूरी है कि अस्थमा पीड़ित लोग कुछ सावधानियां बरतें ताकि वे त्योहार का आनंद ले सकें, लेकिन अपने स्वास्थ्य से समझौता न करें. आज हम विस्तार से बताएंगे कि दीवाली के समय अस्थमा पेशेंट्स को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
पटाखों से दूर रहें: पटाखों से निकलने वाला धुआं, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर PM 2.5 जैसे जहरीले तत्वों से भरा होता है. अस्थमा के मरीजों को कोशिश करनी चाहिए कि वे पटाखों से दूर रहें और घर के अंदर ही रहें.
घर के अंदर शुद्ध हवा बनाए रखें: एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें, खासकर अगर आप मेट्रो सिटी में रहते हैं जहां दीवाली पर बहुत बिगड़ जाता है. घर की खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें जब बाहर पटाखे जलाए जा रहे हों.
मास्क पहनें जब बाहर जाएं: अगर किसी कारणवश आपको बाहर जाना ही पड़ता है तो एन95 या एन99 मास्क पहनना न भूलें. ये प्रदूषण के महीन कणों से कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान करते हैं.
दवाएं समय पर लें: अपनी इनहेलर, नेब्युलाइजर या अन्य दवाएं समय पर लें और दिवाली से पहले ही डॉक्टर से परामर्श कर लें. डॉक्टर से पूछकर एंटी-एलर्जिक या स्टेरॉइड इनहेलर भी रख सकते हैं, अगर आपकी हालत बिगड़ती है.
तनाव से बचें और आराम करें: दीवाली की भागदौड़ और शोर-शराबा भी ट्रिगर बन सकता है. कोशिश करें कि आप शांत माहौल में रहें और ज्यादा भागदौड़ से बचें.
खानपान का ध्यान रखें: दीवाली पर तले-भुने और ज्यादा मसालेदार खाने से परहेज करें. ये एसिडिटी और सांस की तकलीफ बढ़ा सकते हैं.
इमरजेंसी नंबर पास में रखें: अपने डॉक्टर का नंबर, अस्पताल की जानकारी और दवाएं एक किट में तैयार रखें ताकि जरूरत पड़ने पर देरी न हो.
दीवाली को ग्रीन और सेफ बनाएं: पटाखों की बजाय दीयों, लाइट्स और घर की सजावट से त्योहार मनाएं. इससे आप न केवल अपने लिए बल्कि दूसरों के लिए भी सुरक्षित माहौल बना सकते हैं।