लखनउ. मुरादाबाद में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सामने पत्रकारों पर तथाकथित हमला हुआ है. कुछ पत्रकार पीटे गए हैं और कुछ जान बचाकर भागे हैं. आरोप है कि किसी पत्रकार के सवाल पूछने पर यादव भड़क गए और सुरक्षाकर्मियों ने उसे धकिया दिया. जिसके बाद स्थिति बिगड़ गई.
रिपोर्टों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री के सामने ही उनके समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों ने पत्रकारों की पिटाई की। इस घटना के कई वीडियो वायरल हुए हैं। मिली जानकारी के अनुसार मुरादाबाद के एक होटल में सपा का ट्रेनिंग कैंप चल रहा था। इसी दौरान वहाँ गुरुवार को अखिलेश यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस थी। पूर्व मुख्यमंत्री के सुरक्षा कर्मियों ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के एक प्रतिनिधि के साथ धक्का-मुक्की की। बताया जाता है कि अखिलेश यादव किसी सवाल से नाराज हो गए। इसके बाद वहाँ मौजूद उनके समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों ने मीडियाकर्मियों पर हमला बोल दिया। इस दौरान कई पत्रकारों को चोटें आई।
सुरक्षा कर्मियों ने कथित तौर पर मीडिया प्रतिनिधियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। किसी तरह हॉल से भागकर मीडिया प्रतिनिधियों ने खुद को बचाया। घटना रात आठ बजे दिल्ली रोड स्थित एक होटल की है। पत्रकार को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कभी सवाल बीजेपी से भी पूछ लिया करो? क्या बीजेपी के ही सवाल पूछोगे?
अखिलेश यादव की प्रेसवार्ता होटल हॉली डे रीजेंसी के हॉल में थी। बताया जाता है प्रेसवार्ता का समय साढ़े पाँच बजे रखा गया था, लेकिन तय समय से करीब दो घंटे देरी से प्रेस को संबोधित करने अखिलेश यादव पहुँचे। रात करीब आठ बजे प्रेसवार्ता समाप्त होने के बाद जब अखिलेश यादव जाने लगे, उसी दौरान एक चैनल के प्रतिनिधि ने उन्हें रोककर बात करने का प्रयास किया। सुरक्षा कर्मियों ने चैनल के प्रतिनिधि को धक्का दे दिया। इसी बात को लेकर पत्रकार और सुरक्षाकर्मियों के बीच बहस हो गई।
मुरादाबाद के वरिष्ठ पत्रकार फरीद शम्सी कहते हैं कि वे बुरी तरह जख्मी हैं, समाजवादी पार्टी के गुंडों ने महज सवाल पूछने पर उनकी ये हालत बना दी, बंदूक के कुंदों तक से इस कदर पीटा कि वे बेदम हो गए। उन्होंने बताया कि सवाल पूछने पर रायफल मारा। सवाल पूछने पर सारे पत्रकारों को उठा-उठा कर फेंका। किसी के मोबाइल टूटे तो किसी का कैमरा टूटा।
एक वीडियो में अखिलेश यादव यह कहते दिख रहे हैं कि हां पीटा, जाओ क्या करोगे. समाजवादी पार्टी के युवा अध्यक्ष अखिलेश यादव से इस तरह की हरकत क़ी उम्मीद नहीं की जा सकती. वो भूल रहे हैं कि परिवारवादी राजनीति के दिन