कोरबा:–राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा), नई दिल्ली एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कोरबा के संयुक्त तत्वावधान में संचालित 90 दिवसीय विशेष मध्यस्थता अभियान “राष्ट्र के लिए मध्यस्थता” को लेकर कोरबा जिला न्यायालय में लगातार बैठकें आयोजित की जा रही हैं। इन बैठकों की अध्यक्षता माननीय श्री एस. शर्मा, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कोरबा द्वारा की जा रही है।
प्रधान जिला न्यायाधीश श्री शर्मा ने अपने मार्गदर्शन में कहा कि मध्यस्थता एक सहज, त्वरित और विश्वासजनक विवाद समाधान प्रणाली है, जिसके माध्यम से नागरिकों को अदालत के बाहर भी सुलहपूर्ण समाधान प्राप्त हो सकता है। उन्होंने कहा कि वैवाहिक विवाद, मोटर दुर्घटना दावा, घरेलू हिंसा, चेक बाउंस, उपभोक्ता विवाद, सेवा विवाद, भूमि अधिग्रहण, ऋण वसूली सहित कई मामलों को मध्यस्थता के ज़रिए सुलझाया जा सकता है।
उन्होंने सभी न्यायाधीशों को निर्देशित किया कि वे मध्यस्थता योग्य प्रकरणों की शीघ्र पहचान कर उन्हें सुलह केंद्रों के लिए संदर्भित करें। साथ ही, उन्होंने अभियान के प्रचार-प्रसार को प्राथमिकता देने के निर्देश भी दिए। इसके तहत पैरा लीगल वॉलंटियर्स के माध्यम से चौक-चौराहों, सार्वजनिक स्थलों पर लोगों को जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सहयोग से अभियान को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का आह्वान किया गया।
बैठकों में मध्यस्थता केंद्रों की भूमिका, प्रक्रिया, प्रकरणों की छंटाई जैसे विषयों पर चर्चा की गई, जिससे अभियान को प्रभावी तरीके से संचालित किया जा सके। बैठक में कोरबा जिला न्यायालय के सभी संबंधित न्यायाधीश एवं कटघोरा, पाली, करतला न्यायालयों के न्यायाधीशों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया।
गौरतलब है कि यह अभियान 1 जुलाई 2025 से 7 अक्टूबर 2025 तक पूरे देश में संचालित हो रहा है, जिसका उद्देश्य लंबित मामलों को शीघ्र हल करना है। कोरबा जिले में सिविल, मोटर दुर्घटना, पारिवारिक, श्रम न्यायालय, चेक बाउंस, आपराधिक राजीनामा योग्य प्रकरण जैसे मामलों को प्राथमिकता में रखते हुए मध्यस्थता के ज़रिए सुलझाया जा रहा है।
प्रधान जिला न्यायाधीश श्री शर्मा ने विश्वास जताया कि सभी संबंधित न्यायिक अधिकारी इस अभियान को पूरी निष्ठा और सक्रियता के साथ सफल बनाएंगे और न्याय के सुलभ विकल्प के रूप में मध्यस्थता को बढ़ावा देंगे।