मध्यप्रदेश :- मोक्ष को चुनें, मोक्ष कामनाओं की पूर्ति से प्राप्त होता है। मोक्ष का मतलब मुक्त होना है, मुक्त का मतलब है जो प्राप्त है वो पर्याप्त है। जीवन में जो पाया है वो लाजवाब है। व्यक्ति को जो भी प्राप्त हो उसमें प्रसन्न होना चाहिए, विराम दिन की कथा मोक्ष की कथा है, व्यक्ति को अपने लिए नहीं सबके लिए जीना चाहिए। जो व्यक्ति अपने साथ-साथ दूसरों के लिए भी जीता है, वही मानव होता है। इसलिए जीवन में दूसरों की मदद करना चाहिए।
यह बातें शनिवार को बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कनकेश्वरी देवी गरबा परिसर पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के समापन अवसर पर कहीं। विधायक रमेश मेंदोला ने बताया, सात दिनों से चल रही श्रीमद् भागवत कथा का शनिवार को समापन हुआ। इस दौरान पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का सम्मान किया गया। कथा में प्रतिदिन हजारों भक्तों को महाप्रसादी का वितरण किया गया। शनिवार को श्रीकृष्ण सुदामा चरित्र सहित विभिन्न प्रसंगों का वर्णन किया। राधे-राधे के जयकारों से पूरा परिसर गूंज उठा।
शास्त्री ने कहा, सुखमय और आनंदित होकर जीवन जीना चाहिए। इंदौर भक्ति की नगरी है, भक्ति अद्भुत है। मां अहिल्याबाई की नगरी शक्ति और भक्ति की नगरी है। इंदौर धन्य है, यहां के लोगों की श्रद्धा धन्य है। भगवान का बल अतुलित है। भगवान पर हर व्यक्ति को अटूट भरोसा रखना चाहिए। कण-कण में भगवान हैं, भगवान की कथा और उनके चरित्र सुनने से भगवान पर भरोसा बढ़ता है। भगवान की सामथ्र्यता अनंत है।