मध्यप्रदेश:– सिंघाड़े पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. इनमें विटामिन B6, पोटैशियम, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. लेकिन कुछ विशेष स्थितियों में या कुछ खास लोगों के लिए इनका सेवन हानिकारक भी हो सकता है. अभी बाजार में सिंघाड़े बहुत आ रहे हैं, पर अगर आपको इनमें से कोई समस्या है तो इसके सेवन से बचना चाहिए. आइए जानते हैं कि किन लोगों को सिंघाड़े खाने से परहेज करना चाहिए.
- जिनको एलर्जी है: कुछ लोगों को सिंघाड़े से एलर्जी हो सकती है. इसके लक्षणों में त्वचा पर रैशेज, खुजली, सूजन, पेट दर्द या उल्टी-मतली शामिल हो सकते हैं. अगर किसी को पहले से फूड एलर्जी की समस्या है, तो उन्हें सिंघाड़ा खाने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए.
- पाचन संबंधी समस्या वाले लोग: सिंघाड़ा ठंडा और भारी होता है. जिन लोगों को पाचन में गड़बड़ी, गैस, अपच या कब्ज की शिकायत रहती है, उन्हें इसे कम मात्रा में या बिल्कुल नहीं खाना चाहिए, खासकर कच्चा सिंघाड़ा.
- ठंडी प्रकृति वाले लोग: आयुर्वेद के अनुसार, सिंघाड़ा “शीत प्रकृति” का होता है. ऐसे लोग जिन्हें बार-बार सर्दी, खांसी या जुकाम होता है, उन्हें सिंघाड़ा खाने से बचना चाहिए, विशेषकर सर्दियों में.
- डायबिटीज के मरीज: हालांकि सिंघाड़े का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, लेकिन यह स्टार्चयुक्त होता है. कुछ मामलों में यह ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकता है. इसलिए डायबिटीज के मरीजों को डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसका सेवन करना चाहिए.
- थायरॉइड के मरीज: सिंघाड़े में कुछ ऐसे कंपाउंड होते हैं जो आयोडीन के अवशोषण को प्रभावित कर सकते हैं. खासकर हाइपोथायरॉइडिज्म के मरीजों को इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए.
कब और कैसे खाएं सिंघाड़ा
उबला हुआ सिंघाड़ा या सिंघाड़े का आटा ज्यादा सुपाच्य होता है.
भिगोकर खाने से इसकी ठंडक थोड़ी कम हो सकती है.
साफ-सफाई का ध्यान रखें, खासकर कच्चा सिंघाड़ा खाते समय।