नई दिल्ली: आज काल के दौर में मोबाइल और लैपटॉप का दौर चल रहा है। हर कोई व्यक्ति टाइम पास या काम के सिलसिले में मोबाइल और लैपटॉप यूज करते हैं। इसके अलावा ये मनोरंजन के साधन भी बन गये हैं। लेकिन लोग इसके परिणाम के बारे में नहीं सोचते हैं।
ये आंखों के लिए बहुत नुकसानदेह है क्योंकि स्क्रीन के बहुत ज्यादा एक्सपोजर से आंखों में ड्राइनेस की समस्या होने लगती है और फिर विजन सिंड्रोम की समस्या पैदा हो सकती है।
इसके अलावा कई बार आंखों के सामने धुंधलापन, खुजली, लालिमा, थकान, एक जगह दो चीजें दिखना, अंधेरा छाने जैसे तमाम लक्षण सामने आ सकते हैं। अगर समय रहते इसे कंट्रोल नहीं किया गया तो ये परेशानी गंभीर रूप भी ले सकती है।
आम तौर पर स्क्रीन पर लगातार काम करने, पलकें कम झपकाने और कॉन्टैक्ट लेंस के ज्यादा समय तक इस्तेमाल करने के कारण ये समस्या होती है। विजन सिंड्रोम में आंखों में ड्राईनेस होने लगती है। आंखों में ड्राईनेस बढ़ने से इरिटेशन महसूस होती है और चुभन महसूस होती है।
जानिए बचने का उपाय..
इस समस्या से बचने के लिए 20-20-20 का फॉमूर्ला काफी कारगर होता है। यानी आप काम के हर 20 मिनट बाद ब्रेक लें और 20 सेकेंड के लिए 20 फीट की दूरी पर देखें। इसे एक रुटीन का हिस्सा बना लें क्योंकि ये प्रैक्टिस काफी मददगार साबित होगी। स्क्रीन टाइम को जितना संभव हो सके, कम करें। बीच-बीच में पलकें झपकाने का ध्यान रखें।
अंधेरे में मोबाइल फोन या लैपटॉप का इस्तेमाल करने से बचें। जहां भी काम करें, वहां अच्छी रोशनी होनी चाहिए। लैपटॉप पर काम करते समय चश्मे का इस्तेमाल करें और उसमें एंटी ग्लेयर लेंस लगवाएं।
काम के दौरान बीच-बीच में पानी से आंखों को धोएं, ताकि ड्राईनेस ना हो। अपने खाने में विटामिन ए शामिल करें। फल, हरी सब्जियां, बादाम, अखरोट आदि का नियमित सेवन करें।