उत्तर प्रदेश:– ने 22 जनवरी से 30 जनवरी तक जेईई मेंस की होने वाली परीक्षा को देखते हुए अपनी इंटरमीडिएट प्रायोगिक परीक्षा की तिथि बदल दी है। अब प्रायोगिक परीक्षा प्रथम चरण में एक फरवरी से प्रारंभ होकर आठ फरवरी तक चलेगी। इसी तरह दूसरे चरण की परीक्षा अब नौ से 16 फरवरी के मध्य कराई जाएगी। इसकी समय सारिणी यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने शनिवार को जारी कर दी।
पूर्व में प्रथम चरण की परीक्षा 23 जनवरी से 31 जनवरी के मध्य तथा दूसरे चरण की परीक्षा एक से आठ फरवरी के मध्य होनी थी। नई समय सारिणी के अनुसार अब प्रथम चरण में अलीगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, कानपुर, प्रयागराज, मीरजापुर, वाराणसी एवं गोरखपुर मंडल के सभी जनपदों में कराई जाएगी।
इसी तरह दूसरे चरण में आगरा, सहारनपुर, बरेली, लखनऊ, झांसी, चित्रकूट, अयोध्या, आजमगढ़, देवीपाटन और बस्ती मंडल के जनपदों में कराई जाएगी।
क्यों बदली गई प्रैक्टिकल एग्जाम की डेट?
सचिव ने बताया कि जेईई परीक्षा में बड़ी संख्या में यूपी बोर्ड के 12वीं के परीक्षार्थी भी सम्मलित होते हैं, इसलिए प्रायोगिक परीक्षा की तिथि में परिवर्तन किया गया है, ताकि परीक्षार्थी दोनों परीक्षाओं में अलग-अलग समय में मनोयोग से सम्मिलित हो सकें।
परिवर्तित तिथि के अनुरूप प्रायोगिक परीक्षाएं संपन्न कराने के निर्देश सभी क्षेत्रीय अपर सचिवों एवं जिला विद्यालय निरीक्षकों को दिए गए हैं। यह परीक्षा पूर्व के निर्देशों के क्रम में कराई जाएगी। यानी की परीक्षकों को एप के माध्यम से केंद्र से अंक प्रदान करने होंगे।
साथ ही उपस्थिति और केंद्र के प्रधानाचार्य एवं आंतरिक मूल्यांकन परीक्षक के साथ सेल्फी भी एप के माध्यम से पोर्टल पर अपलोड करेंगे। प्रायोगिक परीक्षा सीसीटीवी की निगरानी में कराई जाएगी।
उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन को लेकर हुई चर्चा
उत्तर प्रदेश बोर्ड की आगामी परीक्षाओं की तैयारियों को लेकर शनिवार को अपर मुख्य सचिव (एसीएस) दीपक कुमार यूपी बोर्ड मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने बोर्ड अधिकारियों के साथ बैठक कर परीक्षा आयोजन से लेकर उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन तक की तैयारियों की समीक्षा की।
इस दौरान एसीएस ने सभी कार्यों को गुणवत्ता और सतर्कता के साथ संपन्न कराने के निर्देश दिए, ताकि परीक्षा में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचा जा सके।
बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने एसीएस को इंटरमीडिएट प्रायोगिक परीक्षा, हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की लिखित परीक्षा 2025 के लिए की गई तैयारियों के बारे में बिंदुवार जानकारी दी। उन्होंने प्रायोगिक परीक्षा के लिए एक विशेष एप को विकसित करने की जानकारी दी, जिसमें परीक्षकों को केंद्र से ही अंक प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। यह एप परीक्षकों के लिए आसान होगा और परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने में मदद करेगा।