उत्तर प्रदेश :– बरेली में “आई लव मुहम्मद” पोस्टर विवाद को लेकर तनाव जारी है। शहर में भारी सुरक्षाबलों की तैनाती और इंटरनेट पर पाबंदी के बीच अब इस मामले में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की भी एंट्री हो गई है। उन्होंने हैदराबाद में एक सभा को संबोधित करते हुए एक तीखा सवाल उठाया है, जिसने इस बहस को और हवा दे दी है। ओवैसी ने पूछा कि इस देश में ‘आई लव मोदी’ कहना तो आसान है, लेकिन ‘आई लव मुहम्मद’ कहने पर आपत्ति क्यों जताई जाती है?
बरेली में यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब पिछले हफ्ते जुमे की नमाज के बाद “आई लव मुहम्मद” पोस्टर के मुद्दे पर एक विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। मौलाना तौकीर रजा द्वारा बुलाए गए इस प्रदर्शन में 2000 से ज्यादा लोग एक मस्जिद के बाहर इकट्ठा हो गए, जहां पथराव की घटना हुई और पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस हिंसा के सिलसिले में अब तक 81 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और शहर में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है, जिस पर ड्रोन से भी नजर रखी जा रही है।
प्यार’ शब्द से किसी को दिक्कत क्यों?
असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार और प्रशासन के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा, “आप इस देश को कहां ले जा रहे हैं? अगर कोई ‘आई लव मोदी’ कहता है तो मीडिया भी खुश हो जाती है, लेकिन ‘आई लव मुहम्मद’ कहने पर ऐतराज किया जाता है।” उन्होंने इससे पहले बिहार के पूर्णिया में भी इस मुद्दे पर कहा था कि अगर ‘आई लव महादेव’ का कोई ग्रुप हो सकता है तो ‘आई लव मुहम्मद’ में क्या गलत है? इसमें राष्ट्र-विरोधी क्या है? ओवैसी ने जोर देकर कहा कि एक मुसलमान का ईमान तब तक पूरा नहीं होता जब तक वह पैगंबर मुहम्मद से दुनिया में हर चीज से ज्यादा मोहब्बत न करे।
पुलिस पर सवाल और शांति की अपील
ओवैसी ने पुलिस की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कुछ वीडियो क्लिप का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि पुलिस लोगों पर लाठीचार्ज कर रही थी, जबकि कुछ दुकानदार उन पर फूल बरसा रहे थे। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि पुलिस केवल सत्ता में बैठे लोगों के प्रति जवाबदेह है। हालांकि, ओवैसी ने लोगों से कानून को अपने हाथ में न लेने की भी अपील की। इस बीच, बरेली में आला हजरत दरगाह के वरिष्ठ मौलाना ने भी मुसलमानों से जुमे की नमाज के बाद शांतिपूर्वक अपने घर लौटने की अपील की है।