पटना | बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवधेश नारायण सिंह ने मंगलवार को सदन में माइक्रोफोन तोड़ने पर भाजपा सदस्य लखेंद्र पासवान को दो दिनों के लिए निलंबित कर दिया। अध्यक्ष के फैसले के बाद भाजपा विधायकों ने विधानसभा के बाहर धरना दिया और पासवान के निलंबन की अवधि के दौरान कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया। विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने सत्तारूढ़ दल पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा- हमारे विधायक ने सेविका और सहायिका के सम्मानजनक वेतन और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति से संबंधित तीसरा पूरक प्रश्न पूछा था..सीपीआई-एमएल विधायक ने हस्तक्षेप किया और स्पीकर ने आरोप लगाया कि पासवान ने माइक्रोफोन तोड़ दिया था। इस आरोप में उन्होंने उन्हें विधानसभा की कार्यवाही से दो दिनों के लिए निलंबित भी कर दिया। स्पीकर का कार्य अलोकतांत्रिक है। विधानसभा अध्यक्ष ने भाकपा माले के विधायक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है क्योंकि वह सत्तारूढ़ गठबंधन में हैं।
सिन्हा ने कहा, सीपीआई-एमएल विधायक ने सदन के अंदर असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया है और वह हमें धमकी देने के लिए स्पीकर के आसन की ओर भी गए। पूरे देश ने उनके कृत्य को देखा है, लेकिन स्पीकर ने उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की। इस बीच, पासवान ने आरोपों से इनकार किया। उन्होंने कहा- माइक्रोफोन के पेंच ढीले थे और वह अपने आप बाहर आ गया। मैंने माइक्रोफोन को नहीं तोड़ा है।
उन्होंने कहा, सत्तारूढ़ राजद विधायक सदन के अंदर हमारे साथ दुर्व्यवहार करते हैं। हम उनके अपमानजनक शब्दों को सुनने के लिए विधानसभा नहीं आ रहे हैं। जब हमने राजद विधायकों के कृत्य पर आपत्ति जताई, तो स्पीकर ने मुझ पर माइक्रोफोन तोड़ने का आरोप लगाया। जब भी हम मुद्दों को इंगित करने के लिए सीटों पर खड़े होते हैं, तो स्पीकर हमारे माइक्रोफोन की आवाज को म्यूट कर देते हैं। हमने स्पीकर से सत्तारूढ़ और विपक्षी विधायकों को एक ही नजरिए से देखने का आग्रह किया है।
बिहार विधानसभा में यहीं से बवाल शुरू हुआ इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने दो दिन के लिए लखेन्द्र पासवान को सदन से निलंबित कर दिया…!#Bihar pic.twitter.com/hKXXnjUa8y
— Mukesh singh (@Mukesh_Journo) March 14, 2023