नई दिल्ली:– आठ फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आए तो यह साफ हो गया कि आम आदमी पार्टी की सरकार को शहर से टाटा बाय-बाय करने का वक्त अब आ गया है. नियम के मुताबिक आतिशी इस वक्त दिल्ली की कार्यवाहक सीएम है. वो तबतक यह जिम्मेदारी संभालेंगी जबतक नए सीएम का शपथ ग्रहण नहीं हो जाता. नौ दिन बीत जोने के बाद भी अभी तक बीजेपी के सभी विधायक खुद इस असमंजस में हैं कि इस बार किसकी लॉटरी लगेगी और किसे सीएम बनने का मौका मिलेगा. हर रोज दिल्ली की सियासत में सीएम पद के लिए नए-नए चेहरों का नाम सामने आ रहा है. अब वीरेंद्र सचदेवा और तरुण चुघ के नाम पर चर्चा चल रही है.
पूर्वांचल चेहरे का भी उछला नाम
चुनाव हुए तो पहले परवेश वर्मा का नाम हर किसी की जुबान पर था. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने ना सिर्फ अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट पर मात दी बल्कि वो दिल्ली के पूर्व सीएम साहब सिंह वर्मा के बेटे भी हैं. वो एक युवा फेस हैं. साथ ही उनके पास सियासत का लंबा-चौड़ा अनुभव है. फिर बिहार चुनाव को ध्यान में रखते हुए सांसद मनोज तिवारी का नाम राजनीतिक गलियारों में काफी उछला. पूर्वांचल का बड़ा नाम होने के कारण ऐसी चर्चाओं ने जोर पकड़ा. हालांकि बाद में उनका नाम भी थम गया.
सिख चेहरे ने पकड़ा था तूल
इसके बाद सीएम फेस के रूप में सिख चेहरे ने तूल पकड़ा. इसके पीछे की मुख्य वजह पंजाब में आम आदमी पार्टी के वर्चस्व को कम करना बताया गया. पंजाब में भी अरविंद केजरीवाल की पार्टी की ही सरकार है. कहा गया कि बीजेपी दिल्ली के बाद अब पंजाब में भी आम आदमी पार्टी को खत्म करना चाहती है. यही वजह है कि कांग्रेस से आए अरविंदर सिंह लवली या फिर राजौरी गार्डन से विधायक मजिंदर सिंह सिरसा को दिल्ली की कमान सौंपी जा सकती है. इसके बाद महिला सीएम का नाम भी उछला. ऐसा इसलिए क्योंकि किसी भी राज्य में बीजेपी के पास महिला सीएम नहीं है.
