नई दिल्ली:– बॉलीवुड के दिग्गज हास्य अभिनेता असरानी अब हमारे बीच नहीं रहे। 84 वर्षीय असरानी का निधन मुंबई के आरोग्य निधि अस्पताल में हुआ, जहां वे पिछले पांच दिनों से भर्ती थे। दिवाली की शाम उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार सांताक्रूज (वेस्ट) स्थित शास्त्री नगर श्मशान घाट में किया गया। इस दौरान उनके परिवारजन और करीबी मित्र मौजूद रहे।
राजस्थान में हुआ था जन्म
गोवर्धन असरानी, जिन्हें लोग प्यार से सिर्फ “असरानी” नाम से जानते हैं, का जन्म 1 जनवरी 1941 को जयपुर (राजस्थान) में हुआ था। उन्होंने सेंट जेवियर्स स्कूल से शिक्षा प्राप्त की और आगे राजस्थान कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। पढ़ाई के बाद उन्होंने रेडियो आर्टिस्ट के रूप में करियर की शुरुआत की, लेकिन उनका असली मुकाम हिंदी सिनेमा में मिला।
400 फिल्मों में कर चुके काम
असरानी ने 1960 के दशक में फिल्मों का सफर शुरू किया और अपने करियर में 400 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। उनकी कॉमिक टाइमिंग और संवाद अदायगी ने उन्हें दर्शकों के दिलों में अमर कर दिया। फिल्म ‘शोले’ में “अंग्रेजों के जमाने का जेलर” का उनका किरदार आज भी फिल्म इतिहास का एक यादगार हिस्सा है।
ये फिल्में रही यादगार
हालांकि सफलता का यह रास्ता आसान नहीं था। शुरुआती दौर में असरानी को गंभीर कलाकारों की तरह नहीं देखा जाता था। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि कई निर्देशकों, जिनमें गुलजार भी शामिल थे, उन्हें “कमर्शियल हीरो” नहीं मानते थे। लेकिन अपने अभिनय के दम पर असरानी ने हर चुनौती को पीछे छोड़ दिया। ‘गुड्डी’, ‘बावर्ची’, ‘कोशिश’, ‘चुपके चुपके’ और ‘छोटी सी बात’ जैसी फिल्मों में उनके यादगार अभिनय ने उन्हें हास्य का पर्याय बना दिया। अभिनय के साथ-साथ असरानी ने राजनीति में भी कदम रखा और वर्ष 2004 में कांग्रेस पार्टी से जुड़े। बेशक असरानी अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी हंसी और उनके किरदार भारतीय सिनेमा के इतिहास में हमेशा जिंदा रहेंगे।