मध्यप्रदेश:– हिंदू धर्म में सबसे प्रमुख त्योहार दीपवाली की शुरुआत आज धनतेरस के साथ हो रही है, जिसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है. ये दिन आरोग्य, दीर्घायु और धन-समृद्धि का प्रतीक माना गया है. यह पर्व भगवान आयुर्वेद के जनक और आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि को समर्पित है. भगवान कुबेर के साथ यम देवता की पूजा भी की जाती है. यह समय खरीददारी के लिए काफी शुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यता के हिसाब से अष्टधातु की मूर्ति कई मायनों में खास होती है.
अष्टधातु की मूर्ति के फायदे
- अष्टधातु को काफी पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है. इस धातु से बनी गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति घर में सुख-समृद्धि ले आती है.
- अष्टधातु की मूर्ति को धन, सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. कहा जाता है कि इन धातु की मूर्ति से पूजा करने से मां लक्ष्मी अपनी कृपा बरसाती हैं. इसे घर में रखने से आर्थिक स्थिति भी अच्छी होती है.
- अष्टधातु वाली मूर्ति घर की शुद्धता के लिए भी अच्छी मानी जाती है. इससे वातावरण सही होता है, जिसकी वजह से नेगेटिव एनर्जी दूर होती है.
- अष्टधातु की बनी मूर्ति लंबे समय तक चलती है. इनसे निकलने वाली सकारात्मक ऊर्जा कई गुना अच्छी मानी जाती है.
- इस धातु से बनी मूर्ति की सबसे खास बात ये है कि इससे वास्तु दोष खत्म होता है. अगर घर में वास्तु दोष है तो इस धातु की मूर्ति रखने से फायदा मिलता है.
- ऐसा माना जाता है कि इस धातु की बनी मूर्ति से पूजा करने से घर का माहौल अच्छा होता है और सभी सदस्यों के बीच प्रेम बढ़ता है.
- धार्मिक मान्यता के हिसाब इस धातू की बनी मूर्ति से पूजा करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और जल्द ही सारी मनोकामना भी पूरी कर देते हैं।